पश्चिम बंगाल के नादिया में 14 साल की बच्ची से रेप और फिर बच्ची की मौत मामले में पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से लीपापोती शुरू हो गई है. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पीड़िता को इंसाफ दिलाने के बजाय खुद उस बच्ची पर ही सवाल खड़े कर रही है जो अब इस दुनिया में नहीं है. नादिया जिसे के हंसखली में ममता बनर्जी के ही पार्टी के एक नेता के बेटे पर बर्थडे पार्टी में 14 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप का आरोप लगा है जिसके बाद ममता एंड पार्टी जहां आरोपी पर एक शब्द नहीं बोल रही हैं वहीं सूबे की महिला मुख्यमंत्री ने जो रेप पर बयान दिया है यकीन मानिए उसे सुनकर आप भी सोच में पड़ जाएंगे कि क्या ये शब्द किसी महिला के हैं, मुख्यमंत्री पद को थोड़े देर के लिए भूल जाइए.
ममता बनर्जी ने कहा, “आपको कैसे पता कि उसके साथ रेप हुआ, क्या वो प्रेग्नेंट थी, या लव अफेयर का मामला था या फिर वह बीमार थी।” उन्होंने कहा कि अगर कोई कपल रिलेशनशिप में है तो हम उन्हें कैसे रोक सकते हैं, यह यूपी नहीं है कि मैं लव जिहाद के नाम पर ऐसा कर सकती हूं।”
* Class 9 girl dies in Nadia, #Bengal.
* Mother alleges gangrape by TMC leader’s son and his friends.
* Cops cremate girl in a hurry.
* CM Mamata Banerjee asks: “She had love affair with accused, so was it rape? Was she pregnant? Did she die of a slap?”pic.twitter.com/uDmL4HbcXh— Abhijit Majumder (@abhijitmajumder) April 11, 2022
How do you know if she was raped or was pregnant or had a love affair or was sick? Even family knew it was a love affair. If a couple is in a relationship, how can I stop them?This is not UP that I can do that in name of Love Jihad:West Bengal CM on Nadia minor rape & murder case
— ANI (@ANI) April 11, 2022
ममता बनर्जी का ये बयान कितना संवेदनहीन और शर्मनाक है इसका अंदाजा आपको लग गया होगा. सोशल मीडिया पर ममता बनर्जी के इस बयान की कड़ी आलोचना की जा रही है. अपनी बेटी को खो चुके उस मां-बाप का क्या हाल हो रहा होगा जो सूबे की महिला सीएम से न्याय और आरोपियों के लिए सजा की उम्मीद लगाएं बैठे हैं. परिजनों का साफ कहना है कि उन्हें टीएमसी नेता के दबाव में आकर बिन ऑटोप्सी कराए बच्ची का अंतिम संस्कार करना पड़ा। वहीं पुलिस ने भी इस केस में टीएमसी नेता के बेटे को मुख्य आरोपी के तौर पर गिरफ्तार किया है ।
जाहिर है ऐसे घटिया शब्दों की उम्मीद वो भी एक महिला सीएम से …वाकई ये शर्मनाक है. सवाल ये कि जब उत्तर प्रदेश के हाथरस में रेप हुआ तो ममता बनर्जी की ममता जाग गई और उन्होंने पीड़िता के लिए बंगाल में मार्च निकाला लेकिन जब खुद उनके राज्य में एक लाचार मां-बाप जिनकी बेटी के साथ भी वहीं हुआ जो हाथरस में हुआ था वो अब न्याय मांग रहा है तो उसके साथ ऐसा दोहरा रवैया क्यों ? क्या रेप के दोषियों के लिए अलग-अलग मापडंद होते हैं, क्या रेप के लिए सजा राज्य, धर्म और जाति पर तय किया जाएगा. क्या हाथरस में उनकी ममता इसलिए जगी थी कि वो बीजेपी शासित प्रदेश है ? वहां तो आपने पीड़िता को अपना समर्थन दिया था. तो फिर आज अगर टीएमसी शासित बंगाल में किसी बच्ची के साथ रेप हुआ है तो फिर एक बेटी के चरित्र पर आप प्रश्नचिह्न लगा रही हैं. रेप पर आखिर ये दोहरा रवैया क्यों ?
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