आपको कभी कम्युनिस्ट इतिहासकारों ने बप्पा रावल के बारे में बताया ? क्या आपने ऐसे भी भारतीय शासक के बारे में सुना जिसने अरबों को सिंध तक खदेड़ दिया था ? आइए हम बताते हैं महान योद्धा बप्पा रावल के बारे में… बप्पा रावल की विशेष प्रसिद्धि अरबों से सफल युद्ध करने के कारण हुई। Bappa Rawal ने मुहम्मद बिन क़ासिम से सिंधु को जीता। अरबों ने उसके बाद चारों ओर धावे करने शुरू किए। उन्होंने चावड़ों, मौर्यों, सैंधवों, कच्छेल्लोंश् और गुर्जरों को हराया। मारवाड़, मालवा, मेवाड़, गुजरात आदि सब भूभागों में उनकी सेनाएँ छा गईं।
राजस्थान के कुछ महान् व्यक्ति जिनमें विशेष रूप से प्रतिहार सम्राट् नागभट्ट प्रथम और Bappa Rawal के नाम उल्लेख्य हैं। नागभट्ट प्रथम ने अरबों को पश्चिमी राजस्थान और मालवा से मार भगाया। बापा ने यही कार्य मेवाड़ और उसके आसपास के प्रदेश के लिए किया। मौर्य शायद इसी अरब आक्रमण से जर्जर हो गए हों। बापा ने वह कार्य किया जो मौर्य करने में असमर्थ थे, और साथ ही चित्तौड़ पर भी अधिकार कर लिया। बप्पा रावल के मुस्लिम देशों पर विजय की अनेक कथाएं इतिहास में हे। Bappa Rawal ने मुगल लुटेरों को इस कदर हराय था की 400 सालों तक मुगलो की हिम्मत नहीं हुई थी भारत पर दुबारा आक्रमण करने की।
बप्पा रावल के कराची तक जाने और अरब सेनाओं को खदडऩे का जिक्र मिलता है। इस बात को पूरी तरह स्वीकार किया जा सकता है कि रावलपिण्डी का नामकरण बप्पा रावल के नाम पर हुआ। यहां बप्पा का सैन्य ठिकाना था। बप्पा बहुत ही शक्तिशाली शासक थे। बप्पा का लालन-पालन ब्राह्मण परिवार के सान्निध्य में हुआ। उन्होंने अफगानिस्तान व पाकिस्तान तक अरबों को खदेड़ा था। बप्पा के सैन्य ठिकाने के कारण ही पाकिस्तान के शहर का नाम रावलपिंडी पड़ा
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