कुछ खास मजहब के लोग जहां भी बढ़ जाते हैं वहीं की तमाम संपत्तियों पर अपना कब्जा कर इबादत करने लगते हैं, लद्दाख में हमेशा से बौद्ध लोग रहते आए हैं मगर बीते कुछ दशकों में वहां पर तेजी से धर्मांतरण हुआ और उसके बाद लद्दाख के पहाड़ों पर कई सारी मस्जिदें बन गई। लद्दाख की एक जमीन पर इस्लाम मानने वालों ने कब्जा किया हुआ है तो अब बौद्ध समुदाय के लोग कह रहे हैं कि यह उनका पूजनीय स्थल है ऐसे में उन्हें यह वापस मिलना चाहिए।

इन लोगों दिनों लद्दाख स्थित कारगिल जिला मुख्यालय में एक बौद्ध यात्रा चर्चा में बनी हुई है। इसका कारण यह है कि धर्मगुरु चोस्कयोंग पालगा रिनपोछे अपने अनुयायियों के साथ यह यात्रा कर रहे हैं और उनका लक्ष्य कारगिल में एक विवादास्पद स्थल पर एक मठ का पत्थर रखना है। इस पर कुछ मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि इससे माहौल खराब हो सकता है।

दरअसल, कारगिल जिला मुख्यालय में बौद्ध मठ तक इस शांति यात्रा को लेकर तनाव जैसे हालात बन रहे हैं। दैनिक ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक कारगिल लोकतांत्रिक गठबंधन के बैनर तले कई इस्लामी संगठनों ने शांति यात्रा निकाले जाने को कानून व्यवस्था के लिए खतरा बताया है। इस्लामी संगठनों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर चेताया है कि पद यात्रा सियासी मंशा से निकाली जा रही है, जिससे हालात खराब हो सकते हैं।

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