बॉलीवुड में बॉयकॉट कैंपेन के बीच निर्देशक ओम राउत की फिल्म ‘आदिपुरुष’ का जब से टीजर रिलीज हुआ है मानों फिल्म पर ग्रहण लग गया है. फिल्म रिलीज होने के काफी पहले से ही विवादों में है। क्योंकि इस बार भी हिंदुओं की आस्था, उनके देवी-देवताओं का मजाक बनाया गया है. दरअसल फिल्म के टीजर में भगवान श्रीराम, हनुमान जी और रावण के गलत चित्रण को लेकर इसका जबरदस्त तरीके से विरोध किया जा रहा है।

ये कहना गलत नहीं होगा फिल्म के डायरेक्टर ओम राउत ने रामायण के पात्रों का पूरी तरह से वीएफएक्सीकरण कर दिया है, जो बेहद निंदनीय है। सोशल मीडिया पर इस फिल्म को बॉयकॉट करने की मांग हर दिन तेज होती जा रही है. यहां तक कि इसे रिलीज न करने की भी अपील की जा रही है। प्रभास, सैफ अली खान, कृति सेनन स्टारर आदिपुरुष वर्ष 2021 की मॉस्ट अवेटेड फिल्मों में से एक है। सोशल मीडिया यूजर्स फिल्म के VFX और राम-रावण के प्रेजेंटेशन को लेकर काफी गुस्से में हैं.

इसी बीच अब रामानंद सागर की रामायण में भगवान राम के भाई लक्ष्मण का ऐतिहासिक किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने इस पर अपने विचार साझा किए हैं। DNA के साथ बातचीत में सुनील लहरी ने आदिपुरुष के टीजर पर खुलकर बात की। अपना रिएक्शन देते हुए उन्होंने कहा, ‘टीजर देखने के बाद मेरे विचार पूरी तरह से न्यूट्रल हैं। ये ना तो पूरी तरह से सकारात्मक है और न ही यह पूरी तरह से नकारात्मक है। छोटे से वीडियो में अभी तक सिर्फ पात्रों का परिचय दिया गया है। इसलिए मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है। मुझे लगता है कि फिल्म को पॉपुलर बनाने के लिए की जबरदस्ती का विवाद पैदा किया जा रहा है।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘बकवास अब इस देश में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’ हमारी जो भावनाएं है, हमारे जो धर्म से संबंधित है, जिनकी हम पूजा करते हैं, आराध्य माने हैं। उनके प्रति कोई भी नकारात्मकता की, तो अब देश सहन नहीं करेगा। उन्होंने पहले भी दिखा दिया है आगे भी यहीं होगा। यह पहले वाला भारत नहीं रहा है, अब एकजुट हो गया है।

वहीं ‘महाभारत’ में दुर्योधन का किरदार निभा चुके पुनीत इस्सर ने कहा कि मेकर्स को कभी भी क्रिएटिव लिबर्टी के नाम पर इतिहास से छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए। उन्होंने मेकर्स को फटकार लगाते हुए कहा कि “रावण के पास चार वेदों और छह शास्त्रों का ज्ञान था। उससे बड़ा शिव भक्त कोई नहीं था, जिसने शिव तांडव स्त्रोत की रचना की। उसके माथे पर तिलक नहीं है तो वह रावण कैसे बन गया? क्या लिबर्टी के नाम पर मेकर्स सिख गुरुओं को बिना मूंछ के दिखा सकते हैं? या फिर जीसस क्राइस्ट को क्लीन शेव दिखा सकते हैं? तो फिर रावण के साथ इन्होंने ऐसा क्यों किया है?” पुनीत इस्सर ने यह तक कह डाला कि सैफ अली खान, अलाउद्दीन खिलजी और तैमूर जैसे लग रहे हैं। उन्हें तालिबानी बना कर दिखा दिया है। लोगों का आदिपुरुष को लेकर जो गुस्सा है, वो गलत नहीं है।

दरअसल महाकाव्य रामायण पर बनी इस फिल्म में के जरिये रामायण से छेड़छाड़, उसके किरदारों को उनके मूल स्वरूप से अलग दिखाने, इसके VFX समेत तमाम चीजों को लेकर सोशल मीडिया पर लोग अपना गुस्सा निकाल रहे हैं. सोशल मीडिया पर हो रही ट्रोलिंग के बावजूद आदिपुरुष के मेकर्स अपनी जिद पर अड़े हुए हैं, वे फिल्म के VFX को बदलने को तैयार नहीं है। वहीं फिल्म के निर्देशक ओम राउत को सर्व ब्राह्मण महासभा की ओर से गुरुवार को एक नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस में लिखा गया है कि 7 दिनों के अंदर विवादित दृश्य या तो हटा दिए जाएं, अन्यथा कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें.

देखा जाए तो बॉलीवुड में हिंदु धर्म की आस्था के साथ खिलवाड़ कोई नई बात नहीं है. बॉलीवुड और उसके कलाकार अपनी फिल्मों के जरिये हमेशा से हमारी संस्कृति और हमारी आस्था को तार तार करने की कोशिश करते आए हैं. हमारे गौरवशाली इतिहास को छिपाकर मुगलों का महिमामंडन किया गया. आदिपुरुष में भी ठीक वहीं सब हो रहा है। लेकिन दर्शक अब इस खेल से अंजान नहीं है . हाल के दिनों में जिस तरह से बॉलीवुड की फिल्में औंधे मुंह गिरी हैं उसके कई उदाहरण हमारे सामने है. अब बॉयकॉट कैंपेन के निशाने पर है आदिपुरुष जिसकी रिलीज नहीं होने देने पर दर्शक अड़े हैं. मतलब 500 करोड़ के बजट की फिल्म पर भी बॉयकॉट का खतरा मंडराता दिख रहा है. क्योंकि दर्शक किसी भी सूरत में हिंदु धर्म का मजाक उड़ाने वाली फिल्मों का हिस्सा नहीं बनेंगे. वैसे भी हिन्दू अपने सांस्कृतिक अपमान को देखने के लिए पैसा खर्च क्यों करे?

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