देश का एक छोटा राज्य झारखंड जिसकी आबादी तीन करोड़ 29 लाख 88 हज़ार 134 है. इतनी कम आबादी वाला राज्य इस समय राष्ट्रीय चर्चा का विषय बना हुआ है। एक ओर राजनीतिक अस्थिरता की वजह से तो दूसरा दरिदों के हवस की शिकार हो रही बेटियों की वजह से . दुमका जिले में घटी घिनौनी घटना जिसमें 17 साल की अंकिता को शाहरुख हुसैन नाम के हत्यारे ने दोस्ती का प्रपोजल ठुकराने के बाद पेट्रोल डाल कर आग के हवाले कर दिया था। उसके बाद सरकारी लापरवाही और गरीबी ने अंकिता की जान ले ली. लेकिन सरकार को क्या वो अपनी कुर्सी बचाए कि अंकिता को? वैसे भी क्या फर्क पड़ता है सरकार को अंकिता के मरने से. बस सरकार चलनी चाहिए, नेताओं की पिकनिक चलती रहनी चाहिए. लेकिन यहां सिर्फ एक अंकिता ही नहीं अंकिता जैसी कई बच्चियां हैं जो हैवानों की शिकार हो रही हैं.

दरअसल अंकिता को पेट्रोल डालकर जलाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि राजधानी रांची के नरकोपी थाना क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के सहरुद्दीन नाम के लड़के ने एक 15 साल की आदिवासी लड़की के साथ दिनदहाड़े घर में घुसकर उसके साथ रेप किया. हालांकि इस बार पुलिस भी एक्शन में दिखी और आरोपी सहरुद्दीन को पकड़कर जेल भेज दिया. हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक 28 अगस्त 2022 को दिन के 10 बजे नाबालिग आदिवासी लड़की से बलात्कार का मामला संज्ञान में आया था।

वहीं इस पूरे मामले में राज्य के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर लिखा, “झारखंड में हैवानियत की हद रुकने का का नाम नहीं ले रही। इसी 28 अगस्त को नरकोपी, रांची में एक 15 साल की जनजातीय नाबालिग लड़की के साथ 23 साल के सहरुद्दीन अंसारी ने उसके घर में घुस कर दिन दहाड़े जबरन पटक कर बलात्कार किया। लड़की की शिकायत काफ़ी विचलित करने वाली है।”

बीजेपी सांसद संजय सेठ ने भी हेमंत सोरेन की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा “अभी अंकिता सिंह की चिता ठंडी भी नहीं हुई, दरिंदों को सजा भी नहीं मिली और राँची में नाबालिग जनजातीय लड़की के साथ आरोपित ने घर में घुसकर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। झारखंड में किसी भी बेटी की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं है। कुछ तो शर्म करो सरकार के रहनुमाओं।”

दरअसल सच्चाई ये है कि सत्ता के लालच और तुष्टीकरण में सोरेन सरकार पूरी तरह से अंधी हो चुकी है. झारखंड जैसा खनिज संपदा से भरा-पूरा राज्य अब सांप्रदायिक घटनाओं का केंद्र बन गया है और इस मामले में टॉप पर भी पहुंच गया है।

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