लालू के खासम-खास और सिवान के बाहुबली सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को सलाखों के पीछे भिजवाने वाले चंदा बाबू उर्फ चंद्रकेश्वर प्रसाद का नीदजाब कांड के गवाह चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू का निधन बुधवार (16 दिंसबर) की देर शाम उनके आवास पर हो गया। मौत की सूचना मिलते ही उनके आवास पर काफी संख्या में नेताओं सहित अन्य लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सभी लोग उनके दिव्यांग पुत्र को सांत्वना दे रहे थे। चंदा बाबू पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे और घर पर ही रहते थे।

बता दें कि चंदा बाबू के दो पुत्रों को तेजाब से नहलाकर हत्या करने का आरोप राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन पर लगा था। इस मामले में शहाबुद्दीन को निचली अदालत से सजा भी हुई। यह मामला काफी चर्चित हुआ। इसके बाद उनके तीसरे पुत्र राजीव रोशन जो चंदा बाबू के साथ इस कांड का मुख्य गवाह था उसकी हत्या भी अपराधियों ने शहर के डीएवी मोड़ पर गोली मार कर दी थी। इसके बाद चंदा बाबू की पत्नी का निधन पिछले वर्ष हो गया। पत्नी के निधन के बाद वे अपने दिव्यांग चौथे पुत्र के साथ अकेले शहर के गौशाला रोड स्थित अपने आवास में रहते थे।

एक समय में लालू के खासम खास शहाबुद्दीन का आतंक सिवान समेत पूरे बिहार में चलता था मगर जिस तरह से चंदा बाबू ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए शहाबुद्दीन को सलाखों के पीछे भिजवाया वो अपने आप में सानी है। इस पूरी कानूनी लड़ाई के दौरान चंदा बाबू पर लगातार केस वापस करने के दबाव लगते रहे मगर चंदा बाबू अपने दृढ़ इरादों से टस से मस नहीं हुए और आखिरकार सत्य की जीत हुई और शहाबुद्दीन को सलाखों के पीछे जाना पड़ा।

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