ग्लोबल टाइम्स में भी छपते थे उसके लेख
वह यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ इंडिया, द ट्रिब्यून, फ्री प्रेस जर्नल समेत कई समाचार समूहों में बतौर पत्रकार काम कर चुका है
चीन को देश की सेना और सुरक्षा मामलों से संबंधित अहम व संवेदनशील जानकारी व दस्तावेज देने के लिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा, चीनी महिला किंग शी और उसके नेपाली साथी शेर सिंह उर्फ राज बोहरा को गिरफ्तार किया है।
स्पेशल ने राजीव शर्मा को चीन को संवेदनशील दस्तावेज सौंपने के आरोप में गिरफ्तार किया है। जो चीनी महिला और नेपाली युवक गिरफ्तार हुए हैं वह दस्तावेज के बदले राजीव को फर्जी(शेल) कंपनियों के जरिए मोटी रकम मुहैया कराते हैं।
अधिकारियों का दावा है कि राजीव ने कुछ समय पहले ही चीन को सेना के कुछ बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं जिसके बदले उसके अकाउंट में लाखों की रकम भी आई है।
सिर्फ यही नहीं राजीव के पास से बड़ी संख्या में मोबाइल फोन, कई लैपटॉप और अन्य महत्वपूर्ण और संवेदनशील वस्तुएं बरामद हुई हैं। इन सबका प्रयोग वह चीन से संपर्क करने, उन्हें दस्तावेज व सूचनाएं पहुंचाने के लिए करता था।
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि उसने शासकीय गोपनीयता कानून के तहत एक मामले के सिलसिले में एक स्वतंत्र पत्रकार को गिरफ्तार किया है, जिसके पास से रक्षा संबंधी गोपनीय दस्तावेज बरामद किए गए हैं. शर्मा को चीनी खुफिया एजेंसी को संवेदनशील जानकारी देने के लिए ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है
पीतमपुरा निवासी राजीव शर्मा को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने गिरफ्तार किया. पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) संजीव कुमार यादव ने कहा, ”उसके (राजीव) पास से रक्षा संबंधी कुछ गोपनीय दस्तावेज मिले हैं. इस मामले की जांच जारी है और आगे चलकर विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी
दिल्ली पुलिस ने कहा, फ्रीलांस पत्रकार राजीव शर्मा को चीनी खुफिया एजेंसी को संवेदनशील जानकारी देने के लिए ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है. एक चीनी महिला और उसके नेपाली सहयोगी को भी शेल कंपनियों के माध्यम से उसे बड़ी मात्रा में पैसे देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एक चीनी महिला और उसके नेपाली सहयोगी को भी गिरफ्तार किया है। शर्मा पर सुरक्षा संबंधी दस्तावेजों को चीन की खुफिया एजेंसी के साथ साझा करने का आरोप है।
शर्मा को रक्षा सम्बन्धी गोपनीय दस्तावेज़ों के साथ ‘ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट’ के तहत गिरफ्तार किया गया था। वहीं चीनी महिला और उसके नेपाली सहयोगी को शर्मा को शेल कंपनियों के जरिए पैसा देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार चीनी खुफिया विभाग ने पत्रकार को मोटी रकम के एवज में संवेदनशील जानकारी देने का काम सौंपा था। शर्मा के पास से बड़ी की संख्या में मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य सामग्री बरामद की गई है।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव कुमार यादव ने बताया कि 14 सितंबर को शर्मा को गिरफ्तार कर 6 दिन की रिमांड पर लिया गया था। 22 सितंबर को पटियाला हाउस कोर्ट में उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है। यादव ने बताया कि शर्मा के साथ-साथ चीनी महिला और उसके नेपाली सहयोगी से पूछताछ जारी है।
राजीव शर्मा दिल्ली के पीतमपुरा का रहने वाला है। वह यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ इंडिया, द ट्रिब्यून, फ्री प्रेस जर्नल समेत कई समाचार समूहों में बतौर पत्रकार काम कर चुका है। पिछले 2 दशकों से वह बतौर पत्रकार रक्षा क्षेत्र और विदेशी मामलों से जुड़ी ख़बरें करता था। पत्रकार आदित्य राज कौल के अनुसार राजीव शर्मा चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स (समाचार पत्र) के लिए स्तम्भ भी लिखा करता था। चीनी समाचार पत्र के लिए स्तम्भ लिखने का सिलसिला पिछले कई सालों से जारी था।
हाल ही में राजीव शर्मा ने ग्लोबल टाइम्स के लिए एक लेख भारत-चीन तनाव पर लेख लिखा था। इसके अलावा वह क्विंट और डेली ओ जैसे वामपंथी समाचार समूहों के लिए भी लिखता है। उसका अपना यूट्यूब चैनल भी है जिसका नाम है ‘राजीव किष्किन्धा’। इस चैनल को लगभग 11900 लोगों ने सब्सक्राइब किया है।
राजीव ने पिछले साल दावा किया था कि उन्हें कनाडा की एजेंसी ने इजरायल के स्पायवेयर पेगासस के जरिए उनके फोन की निगरानी किए जाने को लेकर सतर्क किया था। गिरफ्तारी के बाद उसके ट्विटर एकाउंट जिस पर 5300 फॉलोवर्स थे, उसे बंद कर दिया गया है।
इससे पहले चीनी जासूस चार्ली पेंग पकड़ा गया था। वह भारत में रहकर हवाला रैकेट चला रहा था और एक जासूसी नेटवर्क का भी हिस्सा था। उसने अन्य चीनी नागरिकों के साथ मिलकर चीनी शेल कंपनियों के नाम से बैंक खाते खोले और करीब 1000 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग की थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पूछताछ में पेंग ने खुलासा किया था कि चीनी खुफिया एजेंसियों ने उसके जरिए दिल्ली में निर्वासन में रह रहे तिब्बतियों को घूस देने की कोशिश की।
चीनी एजेंसियों के निशाने पर मजनू का टीला में रहने वाले लामा और भिक्षु थे। पेंग ने सीधे पैसा नहीं दिया लेकिन अपने ऑफिस स्टाफ के जरिए रकम भिजवाता रहा। जिन लोगों को पैसा दिया गया, उनकी पहचान अभी नहीं हो सकी है। पेंग का दावा है कि उसके स्टाफ ने जिन पैकेट्स में पैसे दिए, उनमें 2 से 3 लाख रुपए थे। 2014 के बाद से पेंग ने दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में दलाई लामा की टीम में भी घुसपैठ करने की कोशिश की थी।
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