पिछड़ा वर्ग और अल्‍पसंख्‍क कल्‍याण की विधायी समिति ने कर्नाटक के चर्चों का सर्वे कराने को कहा है। विभिन्‍न सरकारी एजेंसियों और डेप्‍युटी कमिश्‍नर्स को निर्देश दिए जा चुके हैं। मकसद ‘अवैध’ चर्चों को खत्‍मकरना और ‘जबरन धर्मांतरण पर नजर’ रखना है। होसदुर्ग से बीजेपी विधायक गुलिहत्ती शेखर ने 13 अक्‍टूबर को समिति की बैठक की अध्‍यक्षता की। उन्‍होंने हमारे सहयोगी टाइम्‍स ऑफ इंडिया से कहा कि राज्‍य उनके गृह जिले चित्रदुर्ग के अलावा कर्नाटक के कई हिस्‍सों में बड़े पैमाने पर जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा है।


बीजेपी विधायक के अनुसार, वे चर्च और बाइबल सोसायटीज जो रजिस्‍टर्ड नहीं हैं और जिनके पास अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण निदेशालय या अल्‍पसंख्‍यक आयोग की अनुमति नहीं हैं, वे ‘अवैध’ माने जाएंगे। ईसाई धर्मगुरु पीटर मकाडो ने राज्‍य सरकार के इस फैसले का विरोध किया। उन्‍होंने कहा कि यह पूरी कवायद बेवजह है। पीटर ने कहा, ‘इसके बाद हमारे धर्म की जगहों और पास्‍टर्स व सिस्‍टर्स की पहचान की जाएगी और शायद उन्‍हें निशाना भी बनाए जाए। हम अभी से उत्‍तर और कर्नाटक में ऐसी घटनाओं के बारे में सुन रहे हैं।’

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