हम देख रहे हैं कि तालाबंदी के दौरान और कोरोना वैश्विक महामारी के वजह से बहुत से लोग चिंतित हैं, सब कुछ अनिश्चित प्रतीत हो रहा है। हालांकि, यह चरण कई पहलुओं में एक आंख खोलने वाला है और काश हम अपने समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लिए हमारे दृष्टिकोण में अधिक तर्कसंगत बन जाते।
हम आम तौर पर अपने उद्योगपति और व्यापारियों के प्रति बहुत अविश्वास दिखाते हैं। जब भी देश संकट में होता है तो वे देशवासियों के लिए रोजगार पैदा करने और उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने के अलावा बड़े पैमाने पर मदद करते हैं, सरकार को सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) कार्यक्रम के माध्यम से भारी कर और उत्थान करने में मदद करते हैं। यदि वे अपने उद्योग धंदे में विविधता / विस्तार कर रहे हैं, तो उनकी सराहना करें क्योंकि यह हमारे राष्ट्र को आगे लाने में समाज की मदद करने वाला कदम है। किसी भी व्यवसाय का सिद्धांत लाभ कमाना है, यदि वे लाभ अर्जित नहीं करते हैं, तो उनके लिए उद्योग धंदे चलाना मुश्किल होगा, जिसके परिणामस्वरूप लोगो की नौकरी छूट जायेगी, सरकार कर खो देगी, सामाजिक और आर्थिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। आलोचना करना बंद करो और हमारे उद्योमियो के दिग्गजों को हमारे राष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रोत्साहित करना शुरू करें। आइए हम अपने युवाओं को व्यवसाय में नवाचार, रचनात्मक विचारों के साथ उद्यमी बनाने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि हम चीनी या किसी अन्य उत्पाद का उपयोग करने के लिए मजबूर न हों, जो हमारे राष्ट्रीय हित से समझौता करता हो। हम बॉलीवुड और क्रिकेट के लिए बहुत अधिक समय, पैसा और ऊर्जा खर्च करते हैं, मैं उनकी अखंडता के बारे में सवाल नहीं कर रहा हूं, लेकिन उनमें से कुछ ही वास्तव में संकट के समय में समर्थन करते हैं और तथ्यों को खोजने के बिना राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर यह लोग अकारण आलोचना करते हैं। हम उनसे प्यार करते हैं और हमारे व्यापार के दिग्गजों को नापसंद करते हैं, हमे हमारी सोच बदलने की जरूरत है, और अपने व्यापार के दिग्गजों को सन्मान देना चाहिये ना की गाली गेलौज…. बल्की हमारे युवाओं को खेल क्षेत्र में या एक गायक, नर्तक, अभिनय, नाटक के रूप में खुद को बनाने के लिए समय, प्रयास और धन देना चाहिए।
इस वायरस ने हमें शोध का महत्व सिखाया। दुनिया समाधान खोजने के लिए संघर्ष कर रही है और हमें पता नहीं है कि हमारे पास कब पूर्ण टीका और दवा होगी। सरकार को विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण बजट बनाने की आवश्यकता है। माता-पिता, शिक्षक, उद्योग, मीडिया और सरकार को हमारे युवाओं को आवश्यक सुविधाएं, अच्छी पारिश्रमिक, मान्यता और सुरक्षा प्रदान करके विभिन्न समय पर आने वाली चुनौतियों के समाधान के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
यह महामारी हमारे लिए एक निश्चित चेतावनी है कि यदि हम उस पर कार्य नहीं करेंगे तो भविष्य में “जनसंख्या विस्फोट” किस तरह से एक बड़ा संकट बनने वाला है। जनसंख्या नियंत्रण बिल लाने और लागू करने के लिए सरकार को समर्थन और बल देने का समय है। जनसंख्या विस्फोट अर्थव्यवस्था के संदर्भ में हमारे जीवन को प्रभावित कर रहा है, स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव, बेरोजगारी, जीवन स्तर, शिक्षा, स्वच्छता, असमानता। इस बिल को आने वाली पीढ़ियों को धार्मिक दृष्टिकोन से न देखते हुए बेहतर जीवन के लिए उपहार के रूप में देखा जाना चाहिए। यदि माता-पिता 1 या 2 से अधिक बच्चों को एक अच्छा जीवन नहीं दे सकते हैं, तो धार्मिक नेताओं को कोई नैतिक अधिकार नहीं है कि वे उन्हें अधिक बच्चे पैदा करने के लिए मजबूर करे। वे न केवल उस विशेष परिवार को प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि हिंसा, छेड़छाड़, बलात्कार, अपहरण, चोरी, नशीली दवाओं के दुरुपयोग और यहां तक कि अतिवाद और आतंकवाद के कारण सामाजिक समरसता को प्रभावित कर रहे हैं।
यह महामारी हमारे उपेक्षित किसानों, स्वास्थ्य कर्मचारियों, सफाई कर्मचारियों, डॉक्टरों, इंजीनियरों, फार्मासिस्ट, पुलिस, सेना, सरकारी अधिकारियों के प्रति आभार प्रकट करती है। हमे हमारे जीवन मे मूलभूत बदलावं करने होंगे, हमे पर्यावरण की रक्षा और संवर्धन के कडी मेहनत करनी होगी | हमे चीन के सामान को बहिष्कृत करना होगा! हमे सात्विक खान पान की ओर बढना होगा, मांसाहार को कम या पुरी तरह बंद करना होगा तभी जाकर हम अपने आने वाली पिढीयों को अच्छे जीवन के बारे मे सोच सकते है नही तो आज की तरह जीवन जियेंगे तो भविष्य मे आनेवाली पिढीया कभी माफ नही करेगी!! अपने जीवन मे और सोच मे बदलावं के बारे सोचे और काम करना शुरु करेl ??
पंकज जगन्नाथ जयस्वाल
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