ईसाईकरण करने वाला ईसाई समुदाय और उनके भगवान यीशु भी अगर ईश्वर पर आश्रित हैं तो फिर यह धर्मांतरण क्यों ??

पिछले कई वर्षों से हिंदुस्तान के वंचित और गरीब तबके के इलाकों में विदेशी फंड के ऊपर जिंदा रहने वाली कुछ संस्थाएं जो लगातार गरीब और वंचित परिवारों को दाल चावल और कपड़े का लालच देकर हिंदू धर्म से धर्म परिवर्तन कराने का कार्य धड़ल्ले से कर रही है ईसाई धर्म में धर्म परिवर्तन कराकर जनसंख्या बढ़ाने की प्रवृत्ति कोई आज नई नहीं है पिछले कई सदियों से इन्होंने इसी प्रकार से धर्मांतरण करवा कर अपनी संख्या बल बढ़ाई है धर्म कोई बुरा नहीं है लेकिन किसी धर्म को बुरा बताकर अपने धर्म में धर्मांतरण कराने की विधि राष्ट्रद्रोह है जो ईसाई समुदाय कि सैकड़ों हजारों संस्थाएं आजादी से लेकर अब तक लगातार धर्मांतरण करने की प्रक्रिया में लगे हुए हैं पिछले कई वर्षों से हिंदुस्तान के राज्य केरल में जहां आबादी का 85% हिंदू वर्ग रहता था आज उसी राज्य में 94% ईसाई रहते हैं यह आंकड़ा केवल उन संस्थाओं की सफलता को ही प्रदर्शित नहीं कर रहा है बल्कि आजादी से लेकर अब तक जितनी भी सरकारी आई उन सरकारों की नाकामी से भी परिचय करवा रहा है पिछले 70 वर्षों की ये नाकामी अब सबके मुंह चढ़कर बोल रही है

अभी पिछले एक हफ्ते से प्रचार हो रहा है कि & वन नाम के चैनल पर येशु नाम का एक टीवी सीरियल शुरू हो रहा है 22 दिसंबर 2020 से शुरू हो रहे इस सीरियल का प्रचार ईसाई धर्म के यीशु के ऊपर हो रहा है यीशु के बारे में अलग अलग तरीके से प्रचार करके लोगों को गुमराह करने का कार्य किया जा रहा है हिंदुस्तान की केरल राज्य में जिस प्रकार से बदमाशी इन ईसाइयों द्वारा धर्म के नाम पर शुरू की गई उसके परिणाम हम सबके सामने हैं धर्म कोई बुरा नहीं होता लेकिन धर्म के प्रचारक जहरीले हो सकते हैं इसका उदाहरण आपको इसी से पता चल जाएगा कि शिव रामायण यीशु कांड यीशु चालीसा यीशु भगवत गीता और ना जाने हिंदुओं के तमाम धर्म और रीति-रिवाजों को यीशु के नाम पर परिवर्तित करके परोसने का कार्य यह ईसाई धर्म के नियम कर रहे हैं जो कि पूर्णतया नाजायज भी है क्योंकि पश्चिमी देशों के फंडिंग पर जिंदा रहने वाली यह संस्थाएं हिंदुस्तान में धर्म के नाम पर गंदगी परोसने का कार्य कर रही है सवाल यह उठता है कि पिछले 70 वर्षों से सरकारों ने जो आंखें बंद कर रखी है क्या आज भी वर्तमान सरकार और प्रसारण मंत्रालय इस प्रकार की धर्म विरोधी गतिविधियों और धर्म विरोधी कार्यो पर लगाम लगाने में नाकामयाब है आज गहन चिंतन का विषय है कि हिंदू धर्म और हिंदू संस्कृति के ऊपर आए दिन हमले हो रहे हैं और उनका दुष्प्रचार हो रहा है हिंदू धर्म और संस्कृति का दुष्प्रचार करने वाले कोई और नहीं बल्कि सबसे पहले मुस्लिम है और उसके बाद ईसाई धर्म के अनुयाई हैं ईसाई धर्म के अनुयाई केवल धर्मांतरण पर ही भरोसा नहीं रखते हैं अभी तो हिंदू धर्म की तमाम रीति-रिवाजों पर भरोसा रखते हैं और उन्हें ही कॉपी पेस्ट करके हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों का उपयोग करते हैं परंतु हिंदू देवी देवताओं के प्रभाव और देवर को हानि पहुंचाने का कार्य भी हिंदू धर्म के अनुयाई लगातार करते आ रहे हैं धर्मांतरण का यह शहर धीरे-धीरे हिंदुस्तान के जिलों में फैलने का प्रयास कर रहा है

इनके प्रचारक इस तरह की गतिविधियां करता है जैसे से लग रहा है वह हिंदू धर्म का प्रचार कर रहे हो पर वास्ते के स्तर पर धार्मिक सहर घोलने का कार्य है यह लगातार करते आ रहे हैं भावी पीढ़ी को क्रिसमस के नाम पर ईसा मसीह के नाम पर ईसा मसीह के त्याग के नाम पर बरगलाने का प्रयास ही लोग करते रहे

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