दिल्ली के मुख्यमंत्री जो कभी इस देश की राजनीति बदलने , और उनके अनुसार राजनीति में व्याप्त सारी बुराइयों से लड़ने के लिए खुद राजनीति में उतरे थे आज राजनीति ने उन्हें इतना बदल दिया है कि , दिल्ली की हवा ,पानी को लगातार जहरीली होते देखने के बावजूद और उसके लिए कुछ भी न कर सकने के बावजूद भी अब सिर्फ और सिर्फ पैसे के लिए , सरकार की अंधाधुंध कमाई के लिए दिल्ली की रगों में शराब का जहर भरने का फैसला लेकर , हर गली चौराहे पर शराब के ठेके खुलवाने का काम पूरी शिद्दत से कर रही है।

हर बात पर -हमने लोगों से पूछा है , लोगों ने हमें बताया है , लोगों के कहने पर हम ये/वो करने जा रहे हैं -कहने वाले अरविन्द केजरीवाल ने अभी तक दिल्ली के लोगों को ये नहीं बताया कि आखिर दिल्ली के वो कौन लोग थे जिन्होंने -उन्हें बताया कि दिल्ली के हर गली और चौराहे पर शराब के ठेके खोल दें। न ही अरविन्द केजरीवाल जी ने अभी तक दिल्ली वालों को प्रचार प्रसार करके /अपने सम्बोधन से ये खुशखबरी दी कि अपराध और नशे की गिरफत में पहले से ही फँसी हुई दिल्ली को उन्होंने हज़ारों नए शराब के ठेकों का ये अनमोल उपहार दिया है।

ज्ञात हो कि , राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के रिकार्ड के अनुसार , दिल्ली जो धीरे धीरे अपराध की राजधानी बनती जा रही है उसके लिए जिम्मेदार सबसे बड़े कारकों में से एक शराबखोरी और नशा ही है। इतना ही नहीं राजधानी दिल्ली में बेलगाम हो चुकी वाहन दुर्घटनाओं के लिये जिम्मेदार वजहों में भी शराब पीकर वाहन चलाना ही है।

सरकार का काम कानून और व्यवस्था बनाए रखने की नीतियां बनाने का होता है लेकिन केजरीवाल सरकार दिल्ली के हर गली चौराहे पर शराब के ठेकों को ज्यादा से ज्यादा खुलवा कर दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों का काम ही बढ़ा रही है तो इसके पीछे भी एक ख़ास मकसद है। असल में दिल्ली सिविल डिफेन्स से लेकर -रेड लाइट ऑन , गाडी ऑफ़ -जैसी हाहाकारी प्रयोगों में जिस तरह से गरीब और बेरोजगारों युवा युवतियों को दिहाड़ी मजदूर बना कर अपना कार्यकर्ता बनाने और बनाए रखने की कोशिश कर रही है , उन्हीं के दिन भर की थकान को मिटाने और उन्हें नशे का आदी बनाने के लिए ये अब किया जा रहा है।

याद रहे कि , पश्चिम बंगाल में भी सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस ने हर गली मोहल्ले में -अपने विशेष मनोरंजन क्लबों के सहारे ऐसे ही अपने कार्यकर्ता बना बसा रखे हैं जबकि महाराष्ट्र सरकार ने तो अवैध उगाही /वसूली के लिए अपने मंत्री से लेकर , पुलिस कमिश्नर तक को काम पर लगा रखा था। तो ऐसे में इनके चाहते अरविन्द केजरीवाल भी कैसे नहीं , इस तरह की नायाब खोज निकाल कर लाते।

लेकिन अरविन्द केजरीवाल को , टीवी रेडियो अख़बार में आकर दिल्ली के लोगों , और दिल्ली ही क्यों पूरे देश और दुनिया को अपने प्रचार से ये जरूर बताना चाहिए कि , पहले उन्होंने मुहल्ला क्लिनिक से लोगों के दवाई का इंतज़ाम कर दिया इसलिए अब वो दारु का इंतज़ाम भी करके -दवा दारु का संतुलन बना रहे हैं।

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