दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन के नाम पर जो अय्याशी हो रही है वो उसका पर्दाफाश धीरे-धीरे होता जा रहा है. कभी ये शराबियों का अड्डा बन जाता है तो कभी महिलाओं के साथ दरिंदगी की जगह, अब तो ये भी सवाल उठने लगे हैं कि वाकई ये अन्नदाता हैं या अय्याशबाज ?

दरअसल किसान आंदोलन के दौरान पश्चिम बंगाल की युवती से हुए दुष्कर्म के मामले में FIR दर्ज होने के एक महीने बाद पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी अनिल मलिक को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में कुल 6 आरोपी और हैं , जिनमें से 3 के सिर पर 25-25 हजार रुपए के इनाम हैं। हरियाणा की झज्जर पुलिस ने गुप्त सूचनाओं के आधार पर भिवानी से अनिल मलिक को धर दबोचा है. वहीं इस केस में आरोपी अनूप चनौत और अंकुर सांगवान पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.

फिलहाल आरोपी अनिल मलिक पुलिस की रिमांड पर हैं . इस दौरान आरोपी अनिल मलिक ने बताया कि दुष्कर्म का वीडियो बनाकर उसने पीड़िता को ब्लैकमेल किया था. आरोपी ने ये भी बताया की युवती से ट्रेन में और फिर ‘किसान आंदोलन’ के तम्बू में भी बलात्कार हुआ था. आरोपी अनिल मलिक को भिवानी के भीम स्टेडियम के पास से गिरफ्तार किया था. आरोपी अनिल मलिक रिटायर्ड फौजी है. उसने 2016 में रिटायरमेंट ली थी.

अनिल मलिक के आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता होने की बात भी पता चली है. जिसे लेकर बीजेपी नेताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जवाब मांगा है। बता दें आपको  ‘स्वराज पार्टी’ के योगेंद्र यादव को भी किसानों के टेंट में हुई इस घटना के बारे में पता था .

फाइल फोटो

किसान आंदोलन के नाम पर जिस तरह का गंदा काम चल रहा है उसको स्वीकार नहीं किया जा सकता. एक और बात साफ होता जा रही है कि इस आंदोलन में दरअसल असली किसान तो हैं ही नहीं, यहां तो शाहीन बाग जैसे बहरूपिये हैं, टुकड़े टुकड़े गैंग और अर्बन नक्सली खालिस्तानी ग़द्दार शामिल हैं जो किसानों का चोला पहन कर किसानों को बदनाम कर रहे हैं।  

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