दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखाने में कोई कमी नहीं छोड़ी. उसके बाद धीरे-धीरे दिल्ली वालों को फ्री का झांसा देकर पूरी दिल्ली को बर्बाद कर दिया. दिल्ली की लुटिया डुबोने में रही-सही कसर केजरीवाल के भ्रष्ट्राचार ने पूरी कर दी. दिल्ली में शुक्रवार को एक बार फिर दिल्ली सरकार की इसी लापरवाही और भ्रष्ट्राचार ने 27 लोगों की जिंदगी लील ली. आग इतनी भयानक थी कि तुंरत ही फायर ब्रिगेड और NDRF की टीमें मौके पर पहुंच गईं और लोगों को बचाने का काम शुरू हो गया लेकिन एक तो तेज गर्मी और दूसरी तरफ लपटें फेंकती भयानक आग, जिसकी वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद मुश्किल हो रहा था.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के मुंडका में जिस इमारत में आग लगी थी, वह बिल्डिंग सुरक्षा के मानकों पर खरी नहीं थी. उसे फायर डिपार्टमेंट से NOC नहीं मिली थी. साथ ही ये बात भी सामने आ रही है कि मुंडका में चलने वाली ज्यादातर फैक्ट्रियां बिना NOC के संचालित हो रही हैं. यानी सभी फैक्ट्री नियम और कानून को ताक पर रख कर चलाई जा रही है. साथ ही वहां कोई भी सेफ्टी गार्ड नहीं था. इसके साथ ही एक ही एंट्री प्वाइंट था. इस बीच कंपनी मालिकों को हिरासत में ले लिया गया है. उसके बाद पुलिस ने बाद में दोनों को गिरफ्तार कर लिया.

इस घटना पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख व्यक्त किया है. प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा इस हादसे में मृतकों के परिवार को 2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रूपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है।

वहीं दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने भी घटना की तस्वीरें शेयर करते हुए संवेदना प्रकट की है.

देखा जाए तो इस फैक्ट्री को चलाने के लिए जिन मानकों का पालन किया जाना चाहिए था उसे दरकिनार कर दिल्ली सरकार की नाक के नीचे ये लापरवाही का खेल चलता रहा . मुंडका की फैक्ट्री में लगी आग कोई हादसा नहीं बल्कि एक  सुनियोजित हत्या कही जा सकती है. दिल्ली की केजरीवाल सरकार के राज में पहले DTC बसों में आग लगने की घटना और अब इमारतों में आग लग रही है. मतलब हर तरह भ्रष्ट्राचार का खेल खेला जा रहा है और उसमें इंसानी जिंदगियां खाक हो रही है. फायर डिपार्टमेंट, इंडस्ट्री वाले और मंत्री सब मिल बांटकर पैसे खा रहे हैं .

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