दिल्ली दंगों के अनकहे सच को सामने लाने के लिए ‘Delhi Riots: The Untold Story’ नामक किताब का विमोचन किया गया। दंगों के सच को सामने लाती इस अहम किताब को तीन लेखिकाओं मोनिका अरोड़ा, प्रेरणा मल्होत्रा, सोनिका ने मिलकर लिखा है। किताब विमोचन करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का हक है ऐसे में तथाकथित बुद्धिजीवी लोग इस किताब के विमोचन से डर क्यों रहे हैं? 

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बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि दिल्ली दंगों के बाद सफूरा, शरजील इमाम, ताहिर हुसैन विक्टिम बन गए थे… निजी न्यूज चैनल्स, न्यूयॉर्क टाइम्स और वॉशिंगटन पोस्ट दिल्ली दंगों के नाम पर झूठा प्रोपेगेंडा फैला रहे थे तब इतनी रिसर्च के बाद यह बुक लिखी गई ये उल्लेखनीय कार्य है। कपिल मिश्रा ने कहा कि डीसीपी अमित शर्मा , कॉन्स्टेबल रतनलाल, अंकित शर्मा, दिलबर नेगी के साथ क्या हुआ यह इस किताब में है, किस तरीके से आतंकी मशीनरी इस पूरे आंदोलन को एक्टिविस्ट बता रही थी। किताब विमोचन में रोड़े अटकाने वाले लोगों पर कटाक्ष करते हुए कपिल मिश्रा ने कहा कि जिहादी-नक्सली नेक्सस एक हो गया है, जैसे ही उनको यह पता चला कि इस तरह की कोई किताब आ रही है बड़े-बड़े फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के ठेकेदार इतना डर गए कि किताब विमोचन को रुकवाने में लग गए, क्योंकि इस किताब के द्वारा दिल्ली दंगों का झूठा प्रोपेगेंडा ध्वस्त हो रहा है। कपिल मिश्रा ने तीनों लेखिकाओं को बधाई देते हुए कहा कि किताब के ऊपर हो रहा हमला बताता है कि आप की जीत हुई है। 

फ़िल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि राष्ट्रवादी लोगों को हर मोर्चे पर लड़ाई लड़नी चाहिए। दुश्मनों के narrative को तोड़ने का काम करना चाहिए क्योंकि ये एस्टेब्लिशमेंट की लड़ाई है।

किताब की लेखिका व वरिष्ठ वकील मोनिका अरोड़ा ने कहा कि किताब से तकलीफ उनको हुई है जिनकी सच्चाई सामने आई है , जो झूठा narrative तैयार करते हैं न कि fact। मोनिका अरोड़ा ने जोर देकर कहा कि भारत में कम्युनिस्ट क्रांति का मॉडल कहता है सबको आपस में लड़वाओ। जेएनयू, भीमाकोरेगांव, जाधवपुर , तेलंगाना यूनिवर्सिटी में यही हुआ है। दिल्ली में जानबूझकर मस्जिदों के पास धरने किए गए ताकि लोगों को मोबिलाइज किया जा सके। स्टेज पर तिरंगा था और बातें हो रही थीं एंटी हिंदू, एंटी प्रधानमंत्री। नारा लगाया जा रहा था तेरा मेरा रिश्ता क्या ला इलाहा इल्लल्लाह, छीन के लेंगे आजादी जैसे नारे क्या कहते हैं? झाड़ू से कोई व्यक्ति स्वास्तिक को तोड़ रहा है यह क्यों दिखाया गया? 6 साल के बच्चों की वीडियो सामने आते हैं कि हम मोदी-अमित शाह को मार देंगे, pfi के दफ्तर वहां खुल जाते हैं । पिंजरा तोड़ की लड़कियां जाफराबाद मेट्रो स्टेशन को जाम कर देती हैं। मोनिका अरोड़ा ने कहा कि यह न्यू इंडिया है इसे तुम्हारे किसी भी तरह के प्लेटफार्म की जरूरत नहीं है बेशक प्रकाशक हमारी किताब ना छापे मगर इसे हम ऑनलाइन मुफ्त में पीडीएफ फॉर्मेट में लांच करेंगे।

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