जानिए इस्लामिक नीति ‘हिजरा’ को, जो है ‘जिहाद’ से भी ज्यादा घातक

♦️”इस्लाम की हिजरा नीति को जिहाद से ज्यादा घातक माना जाता है क्योंकि इस नीति में वे पलायन करते हैं और फिर जनसंख्या विस्तार करते हैं।”

? हिजरा (प्रवास के लिए एक अरबी शब्द) को जिहाद की तुलना में अधिक घातक माना जाता है। हिजरा रणनीति इस्लाम में काफी प्रभावी है क्योंकि यह स्थानों पर पलायन करने, वहां बसने और अच्छी तरह से पनपने में मददगार है। असम, ओडिशा, उत्तराखंड, और नेपाल, वे चार हिंदू क्षेत्र हैं, जिन्होंने संघर्ष किया और जिहाद को हराया। लगातार 800 वर्षों तक। फिर अंग्रेज आए। उन्होंने शासन किया और भारत में जो भी मुस्लिम शासन बचा था, उसे उखाड़ फेंका।

? क्या मुसलमानों ने हार मान ली? नहीं, उन्होंने बस अपनी रणनीति बदल दी। 1906 में उन्होंने सार्वजनिक रूप से असम में बसने की अपनी योजना की घोषणा की। 1930 के दशक में कई कांग्रेस नेताओं ने नेहरू का ध्यान इस ओर दिलाया। लेकिन उन्होंने हँसते हुए कहा, “ख़ाली पड़ा है, कोई तो बसेगा ही।” असम में अब 35% मुस्लिम है।

? फिर आजादी आई। भारत धर्मनिरपेक्ष हो गया। मुसलमानों ने वर्तमान ओडिशा और उत्तराखंड में बसना शुरू कर दिया। पुरी शंकराचार्य हिंदू धर्म के क्षरण की चिंता करते रहे।

? भारत को आजादी मिलने के बाद 1980 का दशक आया। ईसाईयों ने नेपाल में साम्यवादी विद्रोह का बीजारोपण किया। मुसलमान भी वहां बसने लगे और वहाँ के माहौल में ढलने लगे। साम्यवादी जीते। नेपाल में अब 10% मुस्लिम है।

♦️आप जिहाद को पराजित करेंगे, वे बस आपके क्षेत्र में बस जाएंगे और वहां शासन करना शुरू कर देंगे, लगातार आबादी बढ़ाते, निर्लज्ज, निम्न स्तर, हिंसा फैलाना, जिहाद का सबसे घातक हथियार। उन्होंने यूरोप और उत्तरी अमेरिका में इस रणनीति को सफलतापूर्वक दोहराया है।

♦️वे सफल हुए क्योंकि कोई हिंदू नियंत्रण कक्ष नहीं है, कोई प्रहरी नहीं है, उभरते खतरों के कोई विश्लेषक, कोई प्रति-रणनीति सूत्रधार नहीं हैं। यह हिंदू महिलाओं के बलात्कार, नरसंहारों और हिन्दू पलायन पर खत्म होता है। मीडिया सब घटनाओं पर पर्दा डालती है। सिक्युलर मीडिया हर पल यह दिखाता है कि मुसलमान पीड़ित हैं। क्योंकि इसे बड़ी ज़कात (दान) का लालच है।

? तो अब क्या? तो अब, आप हिंदू हैं। आप सच्चाई जानते हैं और फिर भी इसे छोड़ देते हैं। छोड़िए नहीं, अपना काम जारी रखिये, आप जिन हिन्दू संगठनों को जानते हैं और ट्रस्ट (एनजीओ), जो हिन्दूहित हेतु काम कर रहे हैं, के माध्यम से हिंदूओं की मदद कर अपना काम जारी रखिये।

♦️और हाँ जब हम समस्या को जानेगें ही नहीं, तो समाधान कैसे निकल आएगा? इसलिए अधिक से अधिक हिंदुओं तक यह जानकारी पहुंचाइये ताकि वो भी सिकुलरिज्म की नींद से जागें

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.