ये बात कहने में मुझे जरा भी संदेह नहीं कि आज महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों और रेप के मामलों की वजह से मरुधरा की धरती रो रही है, बेटियां सिसक रही हैं. लेकिन बावजूद कांग्रेस, प्रियंका वाड्रा, राहुल गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए सब चंगा सी. राजस्थान में रेप के मामलों में कितनी बढ़ोतरी हुई है इसके लिए आप आंकड़े उठा कर देख सकते हैं. लेकिन सूबे के मुखिया अशोक गहलोत को अपने प्रदेश में बढ़ते अपराध से मतलब नहीं है उन्हें तो बीजेपी शासित प्रदेश में क्या हो रहा है उसकी पूरी खबर होनी चाहिए. भले अपने राज्य की कानून-व्यवस्था चौपट की क्यों न हो जाए?

अब देखिए मणिपुर की घटना पर सीएम साहब को ट्वीट करने का मौका मिल गया लेकिन अपने प्रदेश के मामलों में नील बट्टे सन्नाटा! और तो और अगर इनके मंत्री ने अपनी ही सरकार की दम तोड़ती सिस्टम पर मुंह खोल दिया तो उसका वहीं हश्र होता है जो मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के साथ हुआ है. दरअसल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा को पद से बर्खास्त कर दिया है। क्योंकि उन्होंने प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध पर अपनी ही सरकार को आईना दिखाने का काम किया था. राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने विधानसभा में कहा था “सच्चाई ये है कि महिलाओं की सुरक्षा में हम असफल रहे। राजस्थान में जिस तरह से महिलाओं के ऊपर अत्याचार बढ़े हैं, मणिपुर की बजाए हमें अपने गिरेबान में झाँकना चाहिए।” बस क्या था गहलोत सरकार को अपने ही मंत्री की बात इतनी कड़वी लगी कि मंत्री जी पर एक्शन ले लिया.

2021 के NCRB के डेटा पर नजर डाले तो पता चलता है कि राजस्थान में सबसे ज्यादा महिलाएं असुरक्षित हैं. रेप के मामलों में राजस्थान पहले नंबर पर है. तो क्या सीएम अशोक गहलोत जी NCRB के आंकड़ों को भी झूठला देंगे?

अभी हाल ही में करौली जिले में 19 साल की दलित महिला को तेजाब डाल कर जला दिया गया फिर उसके शव को कुएं में फेंक दिया गया. जोधपुर में एक पूरे परिवार को जला दिया गया जिसमें 6 महीने की मासूम भी थी. ये वही जोधपुर है जहां से खुद मुख्यमंत्री जी आते हैं. ऐसे में जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी कहते हैं कि ज्यादातर रेप के मामले जो दलित महिलाएं लिखवाती हैं वो फेक होते हैं. तो इससे शर्मनाक बयान किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री का क्या हो सकता है?

मणिपुर घटना पर तो पूरा लेफ्ट विंग बीजेपी पर सवाल उठा रहा है लेकिन अभी तक किसी ने भी राजस्थान में घटी इन घटनाओं पर कांग्रेस से सवाल पूछा है? राजस्थान में कानून व्यवस्था की तिलांजलि दी जा चुकी है। राजस्थान की गहलोत सरकार पूरी तरह से कानून व्यवस्था में फ्लॉप दिख रही है। “लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ” का नारा देने वाली प्रियंका वाड्रा भी काँग्रेस शासित राज्यों में ऐसे मामलों पर मुंह फेर लेती है। जिसे राजस्थान की बेटियों के लिए विडंबना ही कहेंगे!

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