ED की पूछताछ और उसके बाद के घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि यह एक प्रयोग था ।

यह प्रयोग सफल रहा…

देखा जाए तो नेशनल हेराल्ड मामले में पूरे 10 साल के बाद कार्रवाई शुरू हुई है । सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में याचिका डाली थी । मोदी जी के आने के बाद कार्रवाई शुरू हुई। 2015 में मां बेटे को जमानत मिली। अब जाकर पूछताछ शुरू हुई है।

देश में कहीं एक पत्ता भी नहीं हिला। वही कुछ कांग्रेसी नेता बाहर निकले जिन्हें फोटो खिंचवाने और सोनिया गांधी को दिखाने का शौक है।

ED ने पूछताछ की जो लिस्ट बनाई है उसमें ममता बनर्जी, केजरीवाल और हेमंत सोरेन भी संभावित सूची में हैं….

ममता बनर्जी ने इसे 6 महीने पहले भांप लिया था। राज्यपाल धनकड़ से लड़ाई इसी बात पर थी कि वे शिक्षा विभाग की सारी फाइलें मंगाकर उनका अध्ययन कर रहे हैं। आपके ज्ञानवर्धन के लिए यह जानना जरूरी है कि श्री धनकड़ सुप्रीम कोर्ट के धाकड़ वकील भी हैं। तो राज्यपाल चूंकि कुलाधिपति होता है इसलिए शिक्षा विभाग में उनकी भूमिका कानूनी तौर पर सही थी। ममता बनर्जी ने आनन फानन में विधानसभा से एक बिल पास कराया जिसमें राज्यपाल को कुलाधिपति पद से हटा कर मुख्यमंत्री को सर्वेसर्वा बना दिया गया।

लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सारे घोटालों की फाइलें राज्यपाल के पास पहुंच चुकी थीं….

ममता बनर्जी को पता है कि बिना उनकी सहमति के यह सब नहीं हुआ है। वह आज न कल फंसेंगी ही…

और इसलिए उन्होंने पैचअप के लिए दार्जिलिंग में हेमंत विश्व शर्मा और धनकड़ के साथ एक मुलाक़ात की और मामले को रफा दफा करने की कोशिश भी की, मगर देर हो चुकी थी।

उधर पंकज मिश्रा और अभिषेक पिंटू के रडार पर आने के पहले ही हेमंत सोरेन ने अमित शाह से मुलाकात कर ली है।

बस एक आदमी ढीठ की तरह बस प्रेस कांफ्रेंस कर रहा है। सत्येन्द्र जैन जेल में बंद है, मनीष सिसोदिया जेल जाने वाला है। केजरीवाल को भी नोटिस जाएगा।

शरद पवार ने उद्धव ठाकरे से पल्ला झाड़ लिया है। ये सभी लोग बुढ़ापे में लालू की दशा देखकर भयभीत हैं।

अगले 6 महीने देश के लिए बहुत भारी हैं। अभी जैसा संसद में हुआ है कि सोनिया गांधी से पूछताछ मामले में सारा विपक्ष एकजुट हो गया है, यही हाल आगे भी रहने वाला है।

गिरफ्तार होते ही हिंसा भड़काने की भरपूर कोशिश होगी। मोदी ने बिढ़नी के छत्ते में हाथ डाल दिया है और खलबली मचा दी है….

लेकिन ये तो मोदी का स्टाइल है। उसने पहले राममंदिर, 370, काशी कौरिडोर जैसे मामले निपटा लिए उसके बाद भ्रष्टाचार पर सर्जिकल स्ट्राइक शुरू की है।

सबका नंबर आएगा
सरेंडर करो या जेल जाओ…?

अब रही 2024 चुनाव की बात…
तो कोई बाहर रहेगा तब न चुनाव लड़ेगा…!!!

और आज भी कई सूरमा भोपालियों को लगता है 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा Double digits में भी नहीं पहूँचेगी….!

एक एक कर सबका नंबर आ रहा है अभी आज कलकता में झारखंड कांग्रेस के तीन विधायक भारी मात्रा में नकदी के साथ गिरफ्तार हुए है जिसे हावड़ा पुलिस ने गिरफ्तार किया है इसमें भी कई राज निकलकर बाहर आ सकते है एक तरफ झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पहले से ही स्थिरता की समस्या से लड़ रही है वहीं दूसरी तरफ इस तरह से अपने सहयोगी दल के विधायकों का पकड़े जाना चिंता का विषय है इसके अलावा जेएमएम में पहले से बगावत के सुर देखने को मिल रहे है कुछ भी हो एक एक कर सफाया जारी है इस बात से ही अंदाजा लगा लेवे कि 2004–14 तक यूपीए के शासन में महज 4000 करोड़ रुपए ईडी ने जब्त किए थे जबकि 2014–22 अब तक 105000 करोड़ रुपए ईडी जब्त कर चुकी है इसका मतलब साफ है कि अब बदमाशी नही चलेगी, जिस दिन मोदी का चाबुक चलता है उस दिन उजागर होना तय है जेल जाना तय है ।

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