कभी आपने सोचा?
~ दिल्ली के सैलून में, बाल काटने वाले केवल मुसलमान ही क्यों मिलते है?
~ आपकी गाड़ी बनाने वाला मैकेनिक मुसलमान ही क्यों होता है?
~ आपको फल मुसलमान से ही क्यों खरीदना पड़ता है?
मुसलमान कैसे छीनता है आपका व्यवसाय और आपको लगता हैं कि हिंदू व्यवसाय नहीं करना चाहता! इसके पीछे बहुत बड़ा षड्यंत्र है फूलपुर(प्रयागराज) सब्जी मंडी में। मुसलमानों ने कश्मीर की तरह सब्जी मंडी पर भी कब्जा कर रखा है।
सबसे पहले बड़ी सब्जी मंडियों में मुसलमान अपना जिहादी समूह बनाता है। छोटे हिंदू फल विक्रेताओं को कुजडो़ (मुसलमानों) द्वारा ₹35 दर्जन का केला ₹45 में देते हैं, जबकि मुसलमानों को वही केला केवल ₹35 में ही देते है। जब इसी सामान सामान को हिंदू छोटे बाज़ारो में बेचने जाता है तो उसका सामान महगा होता है और मुसलमान का सस्ता। हिंदू ग्राहक भी सस्ते के चक्कर में मुसलमान से ही सामान खरीदना चालू कर देते हैं। कुछ दिन संघर्ष करने के बाद हिंदू फल विक्रेता को अपनी दुकान बंद करनी पड़ती है। इस कारण छोटे हिंदू फल विक्रेता धीरे-धीरे कर खत्म हो जाता है और मुस्लिम फल विक्रेताओं का साम्राज्य स्थापित हो जाता है। फिर सारे मुसलमान मिलकर हिंदू ग्राहकों को ऊंचे दाम पर लूटते है। जैसे ही छोटी जगहों पर मुस्लिम फल विक्रेता स्थापित हो जाता है वह बड़ी मंडियों में केवल मुसलमान व्यापारी से ही सामान खरीदता है। इसी को ‘सब्जी जिहाद’ कहते हैं।
कभी आपने सोचा सारी सब्जियां तो हिंदू उगाता है फिर भी उसके उसके व्यापारी मुसलमान ही क्यों होता है? बड़ी सब्जी मंडियों में जिहादी समूह बनाकर ऐसा करने में सफल हो जाते हैं। मजबूरन हिंदू किसानों को अपनी सब्जियां सस्ते और औने-पौने दाम पर बेचनी पड़ती है।
यह काम गांव प्रतापपुर(प्रयागराज) से लेकर शहर कटरा(प्रयागराज) और महानगरों ओखला(नई दिल्ली) तक हो रहा है। दुर्भाग्य से अधिकतर इन मंडियों के अध्यक्ष हिंदू हैं और मैंने उससे बात करने की कोशिश की लेकिन वे पैसे लेकर चुप है। मैंने एक सप्ताह का समय इस सर्वे को दिया, कई लोगों से बात की, फिर इस निर्णय पर पहुंचा। मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि फूलपुर(प्रयागराज) में बड़ा मुस्लिम व्यापारी हिंदुओं को खुलेआम दाम बताता है जबकि मुसलमानों को अपने हाथ को तौलिया से छुपाकर कर उंगली दबाकर दाम बताता है ताकि बगल में खड़े हिंदू को सही दाम पता ना चल सके।
यही तरीका मांस के व्यापार में भी लगाया जा रहा है। आज आप चुप रहो, कल आप के धंधे की बारी होगी! एक रुपए का भी सामान खरीदें, तो भी हिंदू के पास से खरीदें। हिंदू राष्ट्र स्थापना का, यह पहला कदम होगा।
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