देश में सीएए आंदोलन के समय जुम्मन मियां, महमूद, आयशा बेगम ने मुहिम चलाई थी कि उनके सारे कागज बकरी खा गई है ऐसे में वो कागज नहीं दिखाएंगे। इसके बाद जब वैक्सीन लगवाने की बारी आई तब भी कहा गया कि यह बीजेपी की वैक्सीन है और इसे नहीं लगाया जाएगा। जब देश में कोरोना आ गया और मौतें होने लग गई तब सबसे पहले यही जुम्मन मियां और आयशा सोशल मीडिया साइट पर चिल्ला चिल्ला कर मोदी को अपशब्द कहने लगे। अब ऐसे में दुनिया भर के इस्लामी मुल्कोंं के अब्बा सऊदी अरब का कहना है कि वैक्सीन लगे हुए 60,000 लोगों को ही हज करने की इजाजत दी जाएगी ।
सऊदी उनको ही सालाना हज (Hajj) करने की इजाजत देगा जो कि टीका लगवा चुके हैं. सऊदी अरब के मीडिया ने यह जानकारी दी है. आधिकारिक सऊदी प्रेस एजेंसी के अनुसार हज मंत्रालय ने कहा है कि इस साल की हज यात्रा देश के नागरिकों के लिए खुली होगी और यात्रियों की संख्या 60,000 तक सीमित होगी. जुलाई के अंत में होने वाली तीर्थयात्रा में सिर्फ वे लोग जा सकेंगे जिन्हें टीका लग चुका है, जिनकी उम्र 65 साल से कम है और जिन्हें कोई पुरानी बीमारी नहीं है. यह लगातार दूसरा वर्ष होगा जब कोरोनो वायरस महामारी के चलते कम लोगों को हज करने मिलेगा।
गौरतलब है कि सक्षम मुसलमानों के लिए अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार हज यात्रा करना जरूरी है. आम तौर पर इस तीर्थयात्रा में लाखों लोग पहुंचते हैं. इससे संक्रमण का जोखिम हो सकता है. पिछले साल केवल 10 हजार मुसलमानों ने हज किया था. जबकि 2019 में इस पांच दिवसीय सालाना तीर्थयात्रा में शामिल होने वालों की तादाद 25 लाख थी।
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