ऐसा लगता है चीन के सितारे वाकई गर्दिश में चल रहे हैं | पूरी दुनिया को कोरोना महामारी के विनाश में धकेलने के कारण पहले ही सबसे गालियाँ खाता चीन गलती पर गलती करता जा रहा है | भारत से सीमा विवाद में उलझ कर अपनी अंतर्राष्ट्रीय बेइज्जती सहता चीन वैश्विक मोर्चों /संस्थाओं/मंचों पर भी खूब पिटाई खा रहा है |

अभी कुछ दिनों पूर्व ही भारत चीन सीमा पर हिन्दुस्तानी फ़ौज ने चीनियों की गर्दन मरोड़ मरोड़ कर इतनी जोर जोर से तोड़ी कि उसकी चीखें आज तक गलवान घाटी में गूँज रही हैं | भारत अब पूरे दमख़म के साथ , उसकी छाती पर चढ़ता चला जा रहा है | सैन्य मोर्चों पर पटखनी देने के साथ ही अन्य सभी मोर्चों पर भी चीन को भारत बुरी तरह से मटियामेट कर रहा है |

भारत ने चीन को एक बार फिर से झटका दिया है. चीन को मात देते हुए आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) की संस्था यूनाइटेड नेशन के कमीशन ऑन स्टेटस ऑफ वूमेन के सदस्य के रूप में भारत को चुना गया है.


संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने इसकी जानकारी दी है.टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि प्रतिष्ठित ECOSOC निकाय में भारत ने सीट जीती है. भारत को कमीशन ऑन स्टेटस ऑफ वूमेन (सीएसडब्ल्यू) का सदस्य चुना गया है. यह हमारे सभी प्रयासों में लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए हमारी प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण समर्थन है. हम सदस्य देशों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देते हैं.

बता दें कि भारत, अफगानिस्तान और चीन ने कमीशन ऑन स्टेटस ऑफ वूमेन के लिए चुनाव लड़ा था. इसमें भारत और अफगानिस्तान ने 54 सदस्यों के साथ मतदान में जीत हासिल की, जबकि चीन को करारी हार का सामना करना पड़ा. चीन आधे वोट भी नहीं जुटा पाया.

चार साल के लिए सदस्य

बीजिंग वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस ऑन वूमेन (1995) की इस साल 25वीं सालगिरह है. इस मौके पर चीन को भारत के हाथों हार का सामना करना पड़ा है. वहीं इसके साथ ही अब भारत चार साल के लिए इस आयोग का सदस्य रहेगा. साल 2021 से लेकर 2025 तक भारत यूनाइटेड नेशन के कमीशन ऑन स्टेटस ऑफ वूमेन का सदस्य रहेगा.

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