जहांगीरपुरी में जिस तरीके से दंगों की जांच आगे चल रही है वैसे वैसे नए राज खुलते जा रहे हैं अब क्राइम ब्रांच की जांच में यह तथ्य सामने आ रहा है कि यह दंगे संयोग नहीं बल्कि सुनियोजित थे। प्रतिबंधित संगठन पीएफआई पर अब यह शक गहराता जा रहा है कि आखिर उस से जुड़े हुए कुछ लड़के जहांगीरपुरी की इस हिंसा में शामिल थे क्या?

 

जहांगीरपुरी दंगे की साजिश के पीछे क्राइम ब्रांच को पीएफआई कनेक्शन की आशंका है, जांच के दायरे में पीएफआई स्टूडेंट विंग भी है, क्राइम ब्रांच के सूत्रों का कहना है कि दंगे वाली जगह पर पीएफआई से कनेक्ट कुछ लड़के एक्टिव थे, डंप डाटा की जांच में कुछ मोबाइल नंबर मिले हैं, जिसके बाद पीएफआई के कुछ मेंबर इन्वेस्टिगेशन के चलते जांच टीम की रडार पर हैं, दिल्ली पुलिस साइबर सेल की ifso विंग के पास जो मोबाइल जांच के लिए भेजे गए थे, उनमें भी कुछ मोबाइल पीएफआई से संबंधित संदिग्धों के भी हैं, जिन पर दंगे की साजिश में शामिल होने की शक है, हालांकि इस बारे में अभी आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।

गौरतलब है कि अब तक पुलिस जहांगीरपुरी हिंसा में करीब 25 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है जहांगीरपुरी हिंसा के बाद पाकिस्तान में बैठे हुए तमाम मौलानाओं ने अपने वीडियो बनाकर दंगाइयों के प्रति हमदर्दी जाहिर की है ऐसे में जांच एजेंसियां इस हिंसा को एक बड़ी चुनौती साजिश मान कर चल रही हैं।

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