सनातन प्रेमियों के लिए इससे अच्छी खबर और भला क्या हो सकती है इस कोरोना काल में | अभी कुछ माह पूर्व ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अयोध्या में नए राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का शिलान्यास किया था | इसके बाद राम जन्म भूमि मंदिर निर्माण न्यास की देख रेख और संचालन में मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो गया |
हालांकि कोरोना के कारण शुरू में मंदिर निर्माण के कार्य में थोड़ी शिथिलता आई थी मगर फिर जल्दी ही काम में तेज़ी लाई गई और अब ये तेज़ी से निर्माण की ओर अग्रसर है :
ऐसा होगा नया मंदिर
पूर्व प्रस्तावित मॉडल में मंदिर जहां एक एकड़ से भी कम क्षेत्र में प्रस्तावित था, वहीं संशोधन के बाद इसका परकोटा पांच एकड़ क्षेत्र में विस्तृत होगा। पहले मॉडल में एक मुख्य शिखर सहित दो उप शिखर थे। आकार वृद्धि के बाद अब मंदिर में एक मुख्य शिखर सहित पांच उप शिखर होंगे।
- इनमें से तीन उप शिखर मुख्य शिखर के सामने एवं दो उप शिखर मुख्य शिखर के अगल-बगल होंगे।
- पहले प्रस्तावित मंदिर दो तल का था। अब इसमें तीन तल संयोजित किए गए हैं।
- पूर्व प्रस्तावित मंदिर में भी प्रत्येक तल पर 106 स्तंभ संयोजित होने थे, पर एक तल बढऩे के साथ मंदिर में लगने वाले स्तंभों की संख्या 212 से बढ़कर 318 हो गई है।
- यह स्तंभ साढ़े 14 से 16 फीट तक ऊंचे और आठ फीट व्यास वाले होंगे। प्रत्येक स्तंभ यक्ष-यक्षिणियों की 16 मूॢतयों से सज्जित होगा।
नया मॉडल
- इनमें से तीन उप शिखर मुख्य शिखर के सामने एवं दो उप शिखर मुख्य शिखर के अगल-बगल होंगे।
- पहले प्रस्तावित मंदिर दो तल का था। अब इसमें तीन तल संयोजित किए गए हैं।
- पूर्व प्रस्तावित मंदिर में भी प्रत्येक तल पर 106 स्तंभ संयोजित होने थे, पर एक तल बढऩे के साथ मंदिर में लगने वाले स्तंभों की संख्या 212 से बढ़कर 318 हो गई है।
- यह स्तंभ साढ़े 14 से 16 फीट तक ऊंचे और आठ फीट व्यास वाले होंगे। प्रत्येक स्तंभ यक्ष-यक्षिणियों की 16 मूॢतयों से सज्जित होगा।
तीनों तल पर होंगे गर्भगृह
प्रस्तावित मंदिर के प्रथम तल के गर्भगृह में जहां रामलला की प्रतिमा स्थापित होगी, वहीं दूसरे तल के गर्भगृह में राम दरबार की स्थापना होनी है। तीसरे तल के गर्भगृह के बारे में अभी यह नहीं हो सका है कि इसमें भगवान के किस स्वरूप की स्थापना होगी, पर यह तय माना जा रहा है कि इसमें भगवान राम के किसी माॢमक प्रसंग से जुड़ी प्रतिमाएं स्थापित होंगी।
ऐसे समझें भव्यता
- नया प्रस्तावित मंदिर 360 फीट लंबा और 235 फीट चौड़ा होगा। 161 फीट ऊंचा बनाने को अंतिम रूप दे दिया गया है।
- पहले 268.5 फीट लंबाई, 140 फीट चौड़ाई और 128 फीट ऊंचाई थी।
- क्षेत्रफल अब 84 हजार 600 वर्ग फीट हो गया है। पहले कुल क्षेत्रफल 37 हजार 590 वर्ग फीट था।
- शिखर बढऩे से मंदिर में कुछ बदलाव भी हुए हैं। पहले अग्रभाग, सिंहद्वार, नृत्यमंडप, रंगमंडप के बाद गर्भगृह था। अब गर्भगृह और रंगमंडप के बीच गूढ़ मंडप होगा। दाएं-बाए अलग-अलग कीर्तन व प्रार्थना मंडप होगा।
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