व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी का ज्ञान पाकर आप यकायक ही उड़ता पंजाब बन कर पड़ी लकड़ी कैसे लेकर अपना नुकसान और फजीहत करवाते हैं ये जूही चावला से सीखा जा सकता है। बेगानी की शादी में अब्दुल्ला दीवाना की तर्ज़ पर जूही चावला , जिनका 5 जी तकनीक तो दूर 1 जी और 2 जी से भी दूर दूर तक को लेना देना नहीं था ,ने सस्ता प्रचार पाने के लिए पहले मुंबई उच्च न्यायालय में फिर दिल्ली उच्च न्यायालय में इस तकनीक के विरूद्ध एक भ्रामक मुकदमा दायर कर दिया।
जूही चावला की बदकिस्मती ये रही कि मुकदमा दिल्ली उच्च न्यायालय के प्रखर और विद्वान न्यायाधीश न्यायमूर्ति मिढा के सामने सुनवाई हेतु सूचीबद्ध हो गया , तिस पर सर मुंडाते ही ओले पड़े वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए जूही चावला द्वारा आभासीय सुनवाई के वेब लिंक को लंगर प्रसाद की तरह बाँटने के कारण लगभग 33 लोग इस सुनवाई के बीच में घुसपैठ करके पूरी सुनवाई की बरात निकाल दी और जूही अपने घूंघट के आड़ से सब कुछ चुपचाप देखती रहीं। मगर अदालत ने इस पूरे तमाशे को गंभीरता से लेते हुए उन्हें आड़े हाथों लिया और न सिर्फ 20 लाख का जुर्माना ठोंक दिया बल्कि काम कोर्ट फीस जमा करने को लेकर भी डाँट पिलाई।
मामला इतना ही नहीं था अदालत ने जब जूही चावला से , अदालत की रवायत के अनुसार याचिका से उसके वाद की बाबत याची को पूरी जानकारी है या नहीं , की तस्दीक करनी चाही तो जूही ने सच कबूल करते हुए बताया कि उन्हें सिर्फ कुछ बातें ही पता है बाकी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अदालत ने इस बात पर अपनी नाराज़गी और हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि याचिका दायर करने का मकसद सिर्फ प्रचार पाना था और कुछ नहीं।
अब जूही अदालत के इस फैसले से मिले टेंसन को चाहे तो अपने केश किंग लगा कर दूर कर सकती हैं। जय हो
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