वाराणसी की जिला अदालत में ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग मामले को लेकर सुनवाई चल रही है. इन सबके बीच कर्नाटक के मंगलुरु में एक मस्जिद में हिंदू मंदिरों की तरह वास्तुशिल्प कला के नमूने सामने आए हैं. जहां टीपू सुल्तान की मस्जिद में मंदिर होने का दावा किया जा रहा है। माना जा रहा है कि हाल के दिनों में बुर्का विवाद और हलाल मीट के विवाद के बाद कर्नाटक में यह एक बड़ा मुद्दा बन सकता है .

साभार-सोशल मीडिया

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस मस्जिद को स्थानीय लोग ‘ज्ञानवापी मंदिर’ की संज्ञा दे रहे हैं. दरअसल मंगलुरु के बाहरी इलाके गुरुप्रा तालुक में एक पुरानी मस्जिद की जब मरम्मत की जा रही थी उसी दौरान मलबा हटाने के समय यहां मंदिर जैसा वास्तुशिल्प के नमूने सामने आए. इधर मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने गुरुवार तक यानि 26 मई तक के लिए पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी है. इस दौरान जुमा मस्जिद इलाके में भीड़ जमा होने पर रोक लगाई गई है।

विश्व हिंदू परिषद ने यहां बुधवार सुबह पूजा-अर्चना की । बता दें आपको कर्नाटक के तटीय इलाकों में हिंदुओं के बीच ‘तांबूल प्रश्ने’ की परंपरा काफी पहले से चली लंबे समय से चली आ रही है. VHP और बजरंग दल जैसे हिंदू संगठनों ने मामले में हो रही देरी को देखते हुए ‘तांबूल प्रश्ने’ के जरिये ही सच खोजने की ठान ली है. ‘तांबूल प्रश्ने’ की परंपरा कर्नाटक के लोगों में काफी प्रचलित है. ‘तांबूल प्रश्ने’ के जरिये लोग पुजारियों से अपने पूर्वजों के इतिहास के बारे में जानकारी निकाल सकते हैं. अगर पुजारी ‘तांबूल प्रश्ने’ के जरिये कह देते हैं कि मलाली स्थित मस्जिद इससे पहले मंदिर था. तो मामला और बड़ा हो सकता है.

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हिंदू संगठन तांबूल प्रश्ने के बाद अष्टमंगला प्रश्ने की परंपरा के जरिये आगे बढ़ेंगे. कथित तौर पर 21 अप्रैल को मस्जिद के नीचे एक हिंदू मंदिर जैसा वास्तुशिल्प डिजाइन पाया गया था। ।

 

 

 

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