आज सुबह लाल किले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक बार फिर बदतमीजी की। जब प्रधानमंत्री मोदी के साथ लाल किले पर उपस्थित जन समूह वंदेमातरम का जयघोष कर रहा था, तब केजरीवाल एक शव के समान ठूठ और जड़ बनकर बैठे रहे ।
केजरीवाल जैसे जानबूझकर किसी खास वर्ग को ये संदेश देना चाहते थे कि वो वंदेमातरम के जयघोष का डंके की चोट पर अपमान कर सकते हैं वो भी लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर
इस्लामिक आतंकवादी जो हमेशा से वंदेमातरम से नफरत करते आये हैं उनके लिए ये एक सपने के सच होने जैसा है कि कोई लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस के दिन वंदेमातरम का अपमान कर दें।
राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रीय गान का बार बार अपमान करना इस आतंकी प्रवृत्ति हैं और केजरीवाल उनके पोस्टर बॉय
भारत को माँ के स्वरूप में सम्मान अक्सर जेहादियों और आतंकवादियों को खटकता हैं और वो बार बार इसके अपमान का कोई न कोई मौका ढूंढते रहते हैं।
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