"हमारे पास जिम्मेदारी है। यदि हम केरल में कुछ अन्य मुस्लिमों की धार्मिक शाखाओं को बंद कर देते हैं और उन्हें मुजाहिद के अधीन लाते हैं, तो हम 10 वर्षों के भीतर केरल को इस्लामी राज्य में बदल सकते हैं।"

हेट स्पीच देने के लिए कुख्यात इस्लामी उपदेशक मुजाहिद बालुसेरी ने एक बार फिर से केरल में खलीफा शासन लाने की बात कही है। टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, बालुसेरी एक वीडियो में कथित तौर पर ‘मुजाहिदों’ को उकसाते हुए सुना जा सकता है ताकि केरल में इस्लामी शासन लाया जा सके।

अपनी वीडियो में वो कहता है कि केरल के हर मुस्लिम को सिर्फ़ हर शुक्रवार मुजाहिद मस्जिद में भेजो और हम केरल को मात्र 10 सालों के अंदर एक इस्लामी राज्य बना देंगे।

रिपोर्ट के मुताबिक, वो आगे कहता है, “हमारे पास जिम्मेदारी है। यदि हम केरल में कुछ अन्य मुस्लिमों की धार्मिक शाखाओं को बंद कर देते हैं और उन्हें मुजाहिद के अधीन लाते हैं, तो हम 10 वर्षों के भीतर केरल को इस्लामी राज्य में बदल सकते हैं। एक व्यक्ति नैतिक रूप से हर तरह से संपूर्ण हो सकता है लेकिन अगर वह अन्य देवताओं की पूजा करेगा तो उसे जन्नत नहीं मिलेगी। क्योंकि यह कहना कि ‘गुरुवायुरप्पा मुझे बचाओ’ समलैंगिकता, ब्याज पे उधारी से भी बड़ा शिर्क है। ये कहने वाला जहन्नुम में जाता है।”

इसी प्रकार साल 2017 की एक वीडियो में, इस उपदेशक को हिंदू मंदिरों की तुलना एक वेश्यालय से करते सुना जा सकता है। वीडियो में वह कहता है कि यदि आप हिंदू मंदिर या त्योहार पर पैसे दान करते हैं, तो आप शिर्क को प्रोत्साहित करते हैं जो कि सबसे बड़ा गुनाह है। आप वेश्यालय या पब में पैसे दान नहीं करेंगे।

गौरतलब है कि केरल के इस उपदेशक से पहले एक वीडियो में जाकिर नाइक ने भी भारत के मुसलमानों से एकल राजनीतिक दल के पीछे एकजुट होने का आग्रह किया था और उन्हें सुझाव दिया था कि यदि वे अपने मजहब का अभ्यास नहीं कर सकते, तो उन्हें ‘हिजरत’ (प्रवास) करना चाहिए।

उसने कहा था, “यदि आपके पास एक मुस्लिम बहुसंख्यक देश में जाने का साधन है जो सबसे अच्छा होगा। लेकिन जिनके पास नहीं है वो उस राज्य में जाएँ जो मुस्लिमों के लिए उदार है।” वीडियो में उसने कहा था, “सबसे अच्छा राज्य मुझे मुस्लिम के लिए केरल लगता है।”

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.