दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में जिस तरह से मुस्लिम समाज के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं, उससे लगातार ये ख्याल पुख्ता हो रहा है कि आखिर मोदी विरोध की पट्टी आंखों पर पहनकर ये लोग किसी भी आंदोलन, किसी भी मंच के तले एकजुट होकर इकट्ठा होने से परहेज नहीं करते हैं। PFI और Bhim आर्मी जैसे संगठनों ने मोदी विरोध की चिंगारी को सुलगाने के लिए खालिस्तान और जिहादी संगठनों से सम्पर्क किया। मोदी विरोध के धागे में सबको पिरोती हुई ये भीड़ दिल्ली के बॉर्डर पर जमा है। सारे अलगाववादी संगठन एकजुट होकर इस आंदोलन को हवा दे रहे हैं ताकि मोदी विरोध के प्रोपेगेंडा को फैलाया जा सके।


गौरतलब है कि इस आंदोलन में हजारों की संख्या में मुस्लिम समाज के लोग शामिल हो रहे हैं , कई युवक तो ऐसे भी हैं जो सिख के वेश में भीड़ बढ़ाने के लिए आ रहे हैं। इसके पीछे की कहानी पाकिस्तानी और खालिस्तानी मिलकर लिख रहे हैं…इन दो विचारधाराओं ने साथ हाथ मिलाया है भीड़ बढ़ाने के उद्देश्य से ये साजिश की है।


सूत्रों के मुताबिक इस आंदोलन में विदेशों में बैठे हुए खालिस्तान समर्थक ग्रुप अपना पैसा लगा रहे हैं, उन्हीं की फंडिंग के बूते किसान आंदोलन में बिरयानी बंट रही है, लगातार चाय की चुस्कियां चल रही हैं, हजारों रजाई की व्यवस्था की गई है, लाखों-करोड़ों की महंगी गाड़ियां, बड़े ट्रैक्टर, महंगी बसें वहां मौजूद हैं। खालिस्तान समर्थक ग्रुप इस आंदोलन को पाकिस्तान के इशारे पर खुला समर्थन दे रहे हैं।

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