711 ईस्वी में आरबों ने सिंध जीता। कुछ सालो बाद जब वहाँ वो सफल हो गए तब आरबों की नजर भारत के बाकी हिस्से पर पड़ी। उन लोगों ने भारत के दूसरे हिस्सों पर भी आक्रमण करना शुरू कर दिया। तभी भारत के हिन्दू राजाओं ने आरबों का आक्रामक प्रतिकार किया। जिसकी वजह से हमारा देश 300 साल तक मुस्लिम आक्रमण से बच गया। उस वक्त जो हिन्दू राजा थे उनमें से ही एक राजा के बारे में आज बताना है।

ललितादित्य मुक्तपीड़ का शासन कश्मीर में था। वे कर्कट वंश का राजा थे। उसका शासन काल 724 CE–760 CE तक का  था। उसके बारे में राजतरंगिनी नाम की पुस्तक से जानकारी मिलती है। राजतरंगिनी के लेखक कल्हण थे। और उस बुक में राम के पुत्र लव से 12 वी ईस्वी तक का इतिहास पता चलता है।

ललितदित्य मुक्तपीड़ ने बहुत सारे मंदिर और बौद्ध विहार चैत्य कश्मीर में बनवाए। वो सूर्य और नाग पूजक थे। उसने कश्मीर में भव्य मार्तंड यानी सूर्य नारायण का मंदिर बनवाया। लेकिन मुस्लिम आक्रमण के दौरान इसे खंडित किया गया।

ललितदित्य की भव्य सफलता

जब आरब सिंध और मुल्तान जीतने के बाद कश्मीर की तरफ आगे बढ़े तो उसने चीन के राजवंश से सहायता मांगी लेकिन नहीं मिल पायी फिर भी शौर्य का प्रदर्शन करते हुए आरबों को बुरी तरह हराया। उतना ही नहीं उसने 730 ईस्वी में अफ़ग़ानिस्तान पर आक्रमण किया और वहाँ पर आरबों को शिकस्त दी जिससे वहाँ की अरब सेना कमजोर हो गई  इसका फायदा अफ़ग़ानिस्तान के हिन्दू शासको और चीन को हुआ। अफ़ग़ानिस्तान मे हिन्दू शाही का जन्म भी ललितादित्य के आक्रमण की वजह से ही हुआ।

फिर ललितादित्यने मगध पर आक्रमण कर के विजय किया। जिस से उसकी ख्याति और शक्ति दोनों बढ़ गई।

ललितादित्य ने कन्नौज के राजा यशोवर्मन के साथ मिलकर आरबों को उत्तर भारत के अंदर घुसने से रोका। तो उसी वक्त गुर्जर प्रतिहार वंश के राजा नाग भट्ट प्रथम गुजरात, अवंती(मालवा) और मध्य भारत में आरबों को आगे बढ़ने से रोक रहे थे तो मेवाड़ के बापा रावल भी आरबों पर आक्रमण कर रहे थे। दक्षिण भारत में चालुक्य वंश के विक्रमादित्य द्वितीय, गुजरात के जय सिंह सोलंकी चतुर्थ और कर्णाटक में राष्ट्र कूट वंश के राजा दंती दुर्ग के सेनापति पुलकेसीन ने मिलकर आरबों को धूल चटाई। 

ललितादित्य ने फिर यशोवर्मन को भी हराया। फिर वहाँ से गौड़ा राज्य की तरफ आगे बढ़ा और उसे हराया। आगे बढ़ते हुए उसने गुप्त वंश के जीवित गुप्त को हराया और उड़ीसा और बंगाल पूरी तरह से कब्जे किया। जिससे वो उत्तरी और पूर्वी भारत की सत्ता का सम्राट हो गया। फिर भारत में चार प्रमुख सत्ता का जन्म हुआ जिसमें कश्मीर में ललितादित्य, मध्य भारत  में नाग भट्ट प्रथम, राजस्थान में बापा रावल और दक्षिण मे दंती दुर्ग। 

ललितादित्य की नोंध तिब्बत और चीन के राजवंशों ने भी ली। चीन के राजवंश के साथ एक दूसरे को विरोधीओ के खिलाफ अभियान में भी सहायता की। 

आरबों के खिलाफ हिन्दू राजाओं को महा अभियान की वजह से आरब सिर्फ मंसूरा(ब्राहमनाबाद) और मुल्तान के छोटे से राज्य मे सिमट गए और 300 साल तक मुस्लिम आक्रांताओं से भारत बचा रहा।

आगे नागभट्ट प्रथम के बारे मे… 

Martand Sun Temple ललितादित्य द्वारा निर्मित मार्तंड (सूर्य) मंदिर
Martand Sun Temple

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.