यूपी में जब से योगी सरकार ने अपराधियों की जड़ों पर प्रहार किया है, तभी से योगी सरकार के खिलाफ सुनियोजित षड्यंत्र की प्लानिंग शुरू हो गई थी। हाथरस मसले में जिस तरीके से मीडिया प्लानिंग को उकसा कर कांग्रेस ने इस मुद्दे को खड़ा किया है अब इसमें बड़े खुलासे हो रहे हैं। यूपी पुलिस के बड़े सूत्रों के मुताबिक योगी सरकार को बदनाम करने के लिए माफिया समूहों ने सामूहिक फंडिंग की है। ये फंडिंग कांग्रेस नेताओं के माध्यम से भीम आर्मी और मीडिया को की गई है।


पुलिस सूत्रों के मुताबिक योगी सरकार को बदनाम करने के लिए तमाम मीडिया हाउस को करीब 100 करोड़ की फंडिंग हुई थी। जानकारी के मुताबिक ये रकम मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद समेत कई बड़े माफिया/अपराधी/साम्प्रदायिक संघठनों ने इकट्ठे होकर जुटाए हैं। ये रकम इसलिए दी गई ताकि प्रदेश को जाति दंगों में उकसाकर यूपी में उथलपुथल का माहौल पैदा किया जा सके। पुलिस सूत्रों के मुताबिक CAA विरोधी हिंसा में भी इन माफियाओं ने इकट्ठा होकर मोटी रकम अदा की थी। यूपी एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है, जल्द ही इस मुतालिक रिपोर्ट दाखिल की जाएगी।


हाथरस मसले पर मीडिया की एकतरफा रिपोर्टिंग के आरोप लगते आए हैं। घटना के तुरंत बाद मां का बयान हो या पीड़िता का बयान, भाई की तहरीर हो या अस्पताल में 19 तारीख से पहले तक पीड़ित परिवार के बयान मीडिया ने कुछ नहीं दिखाया, सब छिपाए रखा। अभी तक मेडिकल और फोरेंसिक रिपोर्ट सामने आने के बावजूद भी मीडिया गैंगरेप बताकर ही रिपोर्टिंग कर रही है। तो वहीं दूसरी तरफ मीडिया ने आरोपी पक्ष को भी कैमरों से दूर रखा और कांग्रेस के रणनीतिकारों को पल पल की अपडेट मुहैया कराई ताकि योगी सरकार को बदनाम किया जा सके।

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