आज के मीडिया को दलाल कहे तो बुराई नहीं है। लेकिन सारे मीडिया भी गलत नहीं है।। इसके लिए कुछ उदाहरण से समझते है।।।
लोग कहता है बिहारी सब पढ़ने में तेज होता है—- इसका मतलब ये नहीं कि सारे बिहारी पढ़ने में तेज है बल्कि ज्यादातर पढ़ने में तेज है।।।।
आज मै मीडिया को दलाल इस लिए कह रहा हूं क्योंकि अधिकतर मीडिया दलाल है, गद्दार है
इस बात को समझने के लिए एक समाचार को उदाहरण के तौर पे दिखाते है।।।
#####एक लड़की का रेप##########
पहला —- अगर लड़की सवर्ण रही और लड़का दलित तो—–
दिखाते है #### कानून व्वावस्था खराब है कोई सुरक्षित नहीं है।।या तो कोई न्यूज़ ही नहीं होगा।।।
दूसरा —- अगर लड़की दलित लड़का सवर्ण तो#### ये देखिए यहां दलितों को कितना दबाया जाता है गुलाम बनाया जाता है,उन्हें जीने का अधिकार नहीं है,सारे न्यूज़ चैनल वाहा डेरा डाल देते है सौदा सुरू करोड़ का डिमांड और अगर सरकार बीजेपी की हो तो कांग्रेस विधवा विलाप सुरू।

तीसरा—- अगर लड़की दलित और लड़का मुस्लिम तो ##### सारे मीडिया गायब कोई न्यूज़ नहीं। अगर दिखाना है तो केंद या बीजेपी की कानून खराब है बस

चौथा——- अगर लड़की मुस्लिम और लड़का दलित तो भी मीडिया को कोई दिलचस्पी नहीं

पांचवा——– अगर लड़की मुस्लिम लड़का सवर्ण तो #### समझो मीडिया की अपनी बहन थी ##ऐसा रिपोर्टिंग की दंगा करा दे।।। सारे पॉलिटिकल पार्टी का दौरा सारे अवॉर्ड वापसी गैंग का धरना प्रदर्शन हर पार्टी पैसा देगा मानो उनकी बाप की कमाई है।।। खासकर ये वारदात बीजेपी राज्य में हो तो ।।।। यहां तक कोट को भी नजर आएगा।।।।और ये सब सिर्फ दलाल मीडिया का प्रोपोगंडा होता है।।।
बहुत उदाहरण है हमे सचेत रहने की जरूरत है और देशभक्त सच्चा पत्रकार अर्णव जैसे लोगो को खुलकर समर्थन करना चाहिए।।।।।।

और सोचो मीडिया पत्रकार को सही में पत्रकार कहे या दलाल , दल्ला ,या कुछ और।।।।।।

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