प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संकल्पों को पूरा करते हुए दिव्य काशी, भव्य काशी को मूर्त रूप दिया है, पीएम मोदी और सीएम योगी ने काशीधाम को संवारते हुए सालों से इंतजार करते हुए हिंदुओं को तोहफा दिया है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना की नींव पीएम मोदी ने 8 मार्च, 2019 को रखी थी। यह राष्ट्र के गौरव, सांस्कृतिक इतिहास के साथ-साथ आतताइयों के प्रतिरोध स्वरूप स्थापित किया गया।

वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल जामा मस्जिद कॉरीडोर का निर्माण कर जामा मस्जिद की रंगत बढ़ाने में जुटे हुए है . दरअसल केजरीवाल ये सब कुछ सिर्फ और सिर्फ हिंदुओं और राष्ट्र के पीड़ा पर नमक छिड़कने की कोशिश कर रहे हैं.  केजरीवाल ये अच्छी तरह से जानते हैं कि जामा मस्जिद एक धार्मिक स्थल कम बल्कि एक ऐसा सियासी रंगमंच है जहां से देश विरोधी गतिविधियां शुरू होती हैं. फ़तवा पॉलिटिक्स की शुरुआत भी यहीं से हुई थी। केजरीवाल इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि वो इसलिए दिल्ली में जीत रहे हैं क्योंकि उन्होंने अपने राज में मुसलमानों को अराजकता फैलाने की खुली छूट दे रखी है. पूरा देश जानता है कि फ्री में सब कुछ देने का वादा करने वाले केजरीवाल लोगों को मुंगेरीलाल के हसीन सपने दिखाने का काम करते हैं . सिर्फ ढोंग करना, स्वांग रचाना और अपनी स्वार्थ पूर्ति करना बस यही काम रह गया है उनके पास ।

जामा मस्जिद मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा वर्ष 1650 और 1656 के बीच बनाया गया था। इसे सिर्फ मुग़ल राजघरानों के नमाज़ अदा करने के लिए खास तौर से बनाया गया था .  काशी के दरबार’ से घबराये केजरीवाल अब मुस्लिम तुष्टीकरण के नाम पर जामा-मस्जिद का सौंदर्यीकरण करना चाहते है। हज़ हाउस निर्माण में अति करते हुए केजरीवाल ने तो आवासीय इलाके द्वारका में मुसलमानों के इस धार्मिक और सामूहिक भवन को इजाज़त भी दे दी।

आपको याद होगा कि ये वही केजरीवाल सरकार है, जिन्होंने दिल्ली दंगे के दौरान मुस्लिम चरमपंथियों को खुली छूट दे रखी थी। आम आदमी पार्टी के अमानतुल्ला खान, शाहरुख पठान और ताहिर हुसैन जैसे नेताओं ने खुले आम नरसंहार को अंजाम दिया था।

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