यदि किसी अपराध की भयानकता , कूरता आपकी कल्पना से पर हो , हैवानियत इंसानियत को शर्मसार करती दिखे तो सहज ही अंदाज़ा लगा सकते हैं कि , अपराध को अंजाम देने वाले किसी न किसी बेहरहम परवरिश और क्रूर समाज से ही होगा जैसे कि , हमारे मुगल .

जो बात बात पर ,चाकू छुरे ,उस्तरे , लाठी , डंडे , रॉड और अब ये नया नया चला है हथौड़े लेकर , न अपना देखना न पराया , न बच्चा देखना न बुजुर्ग , न महिला देखना न पुरुष बस करना ये होता है इन्हें कि, नृशंस तरीके से अमानवीय होकर उसे मार देना , काट देना , कत्ल कर देना होता है .

हाल ही में बुलंदशहर में एक मियां जी को अपनी पत्नी पर शक था कि उसके किसी और के साथ अवैध /नाज़ायज़ संबंध हैं और इस तैश में सईद नामक मुगल ने अपनी पत्नी को हथौड़े से कूच कूच कर मार डाला . बीच बचाव करके अपनी माँ को बचाने गई तीनों बेटियों को भी नहीं बख्शा और उन्हें भी हथौड़े से कूच दिया .

पत्नी और दो बेटियों की मौत हो गई और तीसरी भी अपनी ज़िंदगी बचाने के लिए अस्पताल में जंग लड़ रही है .

सबसे दुःखद और हैरान करने वाली बात ये है कि इतने अमानवीय अपराध , हैवानियत भरे गुनाह को करने के बावजूद भी खुद मुगलिया समाज से उस आरोपी के प्रति गुस्सा , रोष , प्रकट करना तो , महिला को इस सबका दोषी बता कर बेशर्मी की भी हद पार कर दी जाती है .

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