चंदौली जनपद वाले शैलेन्द्र कुमार सिंह ने वर्ष 2004 में घटिया राजनीति और अपराधिक गठजोड़ के सामने झुकने से इंकार कर दिया। उन्हें डीएसपी की नौकरी से त्यागपत्र तक देना पड़ा था। वर्ष 2004 में डीएसपी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने जब माफिया डॉन मुख्तार अंसारी पर एलएमजी केस में पोटा लगा दिया था, तो मुख्तार को बचाने के लिए तत्कालीन मुलायम सरकार ने शैलेन्द्र सिंह के ऊपर केस खत्म करने का दबाव बनाया। जिसे शैलेन्द्र सिंह ने नहीं माना और डीएसपी पद से त्यागपत्र दे दिया। इस घटना के कुछ महीने बाद ही तत्कालीन सरकार के इशारे पर राजनीति से प्रेरित होकर शैलेन्द्र सिंह के ऊपर वाराणसी में अपराधिक मुकदमा लिखा गया और उन्हें जेल में डाल दिया गया।

वर्ष 2017 में जब योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी तो, उक्त मुकदमे को प्राथमिकता के साथ वापस लेने का आदेश पारित किया गया। जिसे सीजेएम न्यायालय ने 6 मार्च, 2021 को स्वीकृति प्रदान की। न्यायालय के आदेश की 30 मार्च को नकल प्राप्त हुई। हम लोग योगीजी की इस सहृदयता की भूरि-भूरि प्रसंशा करते हैं और महादेव से प्रार्थना करते हैं कि शैलेन्द्र सिंह को उनके अदम्य साहस और कर्तव्यनिष्ठा का ईनाम अवश्य दें। अगर शैलेन्द्र सिंह नौकरी किए होते तो आज प्रमोट होकर आईजी तक पहुंच चुके होते। शैलेन्द्र सिंह जी को जीत की बधाई

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