Taj के लिए Tax हमारा नमाज़ तुम्हारी: ताजमहल राष्ट्रीय धरोहर है ना कि मजहबी स्थल। अगर वहां नमाज़ हो सकती है तो पूजा क्यों नहीं?
देश में बहुसंख्यक हिन्दू आबादी टैक्स जमा करती है उस पैसे से पुरातत्व विभाग चलता है और उसी पैसे से ताजमहल जैसी इमारतों की देखरेख होती है,तो भला बहुसंख्यक आबादी को ताजमहल जैसी इमारतों में पूजा करने से क्यों रोका जाना चाहिए?