फिल्म जगत में पिछले कई दशकों से सक्रिय और अपने मज़हबी मुगलाई एजेंडे को चुपचाप चलाने वाले तमाम लोग इन दिनों नकली बौद्धकता और छद्म निरपेक्षता की केंचुली उतारने को मजबूर हो गए हैं। एक तरफ जहाँ लोगबाग इनके इस छिपे हुए एजेंडे को अब बखूबी समझ कर इनकी सारी वाहियात पटकथा वाली फिल्मों का पुलंदा बांधे हुए हैं वहीँ सोशल नेट्वर्किंग साइट्स पर खुल कर बेबाकी से इन्हें आईना दिखा रहे हैं। इन बेचैन शख्सियतों में से एक जो इन दिनों बार बार अपने बयानों और वक्तव्यों के कारण चर्चा में हैं वो हैं -नसीरुद्दीन शाह।
अभी हाल ही में एक वेब पोर्टल को साक्षात्कार देते हुए नसीरुद्दीन शाह का मुग़ल रक्त उछाल मार उठा और वे एक बार फिर से काफी कुछ अनर्गल और झूठ बोल गए जिसके कारण अब आम लोग उनकी लानत मलामत कर रहे हैं , नसीरुद्दीन शाह ने करन थापर के एक सवाल के जवाब में उत्तेजित होकर कहा कि , मुसलमान किसी भी नरसंहार के लिए तैयार है और वे भी 20 करोड़ हैं जो समय आने पर पूरे भारत से लड़ेंगे।
इतना ही नहीं अपने भावावेश में वे उन आक्रमणकारी , आततायी , पाशविक मुगलों का भी गुणगान करने लगे और एक तरफ उन्हें शरणार्थी कह बना कर वही पुराना पीड़ित कार्ड खेल गए तो वहीँ साथ साथ ये भी जोड़ दिया कि , मुगलों ने इस देश में शरण लेकर , यहां की सभ्यता ,संस्कृति और स्थापत्य में भी बहुत ही सकारात्मक और सृजनात्मक सहभागिता की।
कुछ दिनों पहले ही नसीरुद्दीन तब देश के कट्टरपंथीयों और अपने ही हममज़हबियों के निशाने पर तब आ गए थे जब उन्होंने ,देश में रहने और तालिबान का समर्थन करने वालों को लताड़ लगाते हुए अपनी बात रखी थी। और उस समय उनके अपनों ने ही -उन्हें सिनेमाई कलाकार होने के कारण और सिनेमा संगीत को इस्लाम में इजाजत नहीं होने के कारण -नस्सरूद्दीन शाह की बात को दरकिनार करने की बात कही गई।
ऐसा लग रहा है जैसे नसीरुद्दीन , कुछ समय पहले देश में असहिष्णुता असहिष्णुता कह कर छाती पीटने वाला गैंग , फिर बात बेबात पर अपने पुरस्कारों को वापस करने की धमकी देने वाला गुट और सार्वजनिक रूप से चिट्ठी लिखकर कर शासन और सरकार को देश विदेश में बदनाम करने की कोशिश करने वाले गैंग के टूल किट वालों से मिलने लगे हैं इसलिए अब अचानक ही इस देश में उन्हें गृहयुद्ध होता और उसमें 20 करोड़ मुस्लिम पूरे भारत के हिन्दुओं को पराजित करके गजवा ए हिन्द की स्थापना होती दिखाई दे रही है।
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