भारत के उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी का विवादों से पुराना नाता रहा है। वे 10 साल तक 2007-2017 तक भारत के उप राष्ट्रपति के पद पर रहें. बावजूद इसके उनके दिल में देश के लिए प्रेम कम और जहर ज्यादा दिखा. लेकिन देश में पीएम मोदी के नेतृत्व में NDA की सरकार आने के बाद उनके भीतर का कट्टर मुस्लिम अचानक से जाग गया. देश के खिलाफ जहर उगलना, देश के दुश्मनों के साथ मंच साझा करना ये सब हामिद अंसारी की देश के प्रति संकुचित और घातक सोच को साफ दर्शाता है.

इसी कड़ी में पाकिस्तान के एक पत्रकार के बड़े खुलासे के बाद हामिद अंसारी सवालों के घेरे में हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूपीए सरकार के दौरान भारत आए पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा ने सनसनीखेज दावा करते हुए एक यूट्यूबर शकील चौधरी को दिए इंटरव्यू में बताया कि वे 2005 से 2011  के बीच कई बार भारत आए और सूचनाएं इकट्ठी कर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ISI तक पहुंचाईं। उन्होंने अपने इंटरव्यू में बाताया कि 2005 में चंडीगढ़, 2006 में हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई गया। इसके बाद मैं कोलकाता, पटना और भारत की अन्य जगहों पर भी गया। मिर्जा के मुताबिक, जिस वक्त भारत में कांग्रेस की सरकार थी, तब वो आतंकवाद पर हुए एक सेमिनार में शिरकत करने के लिए भारत आए थे। मुझे तब पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने आमंत्रित किया था. हालांकि, मुझे लगता है कि हमने कई सौ साल तक भारत पर हूकूमत की है। हम वहां के हालात से अच्छी तरह परिचित हैं। हम उनकी अच्छाइयों और कमजोरियों के बारे में भी जानते हैं। लेकिन मैंने भारत के बारे में जो भी जानकारी इकट्ठा की थी, पाकिस्तान में उसका इस्तेमाल एक अच्छे नेतृत्व के न होने की वजह से नहीं हो पा रहा है। ‘

मिर्जा ने बताया कि साल 2011 में वह ‘मिली गैजे’ट के जफरूल इस्‍लाम के न्‍यौते पर भारत पहुंचे थे। वह भारत दौरे से लौटकर जब पाकिस्‍तान गए तब उन्हें उस समय आईएसआई के रिटायर हो रहे डीजीएसआई ने कहा था कि जो भी जानकारी उन्‍होंने इकट्ठा की है वो, आईएसआई के नए चीफ जनरल कियानी को दें। मिर्जा ने बताया, “इस पर मैंने कहा कि मैं उन्हें जानकारी नहीं दूंगा, आप खुद कियानी को ये जानकारी दे दें। पाकिस्तानी पत्रकार मिर्जा ने दावा किया कि उन्हें भारत में कई संवेदनशील खुफिया सूचनाएं हासिल हुई जिन्हें उन्होंने आईएसआई को पास किया।

मिर्जा ने यह भी कहा कि उन्हें पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय से भी कई तरह की सुविधाएं दी जाती थीं। आम तौर पर एक पाकिस्तानी भारत के तीन शहरों में जा सकता है लेकिन जब वह वीजा अप्लाई करते थे तो उन्हें पांच शहरों में जाने की छूट मिलती थी. लेकिन कांग्रेस के शासनकाल के दौरान ये पत्रकार न केवल देश में आता हैं बल्कि सात अलग-अलग शहरों में जाकर जानकारी जुटाने के बाद पाकिस्तानी सेना से इसे साझा करता है।

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब भारत के अन्दर शीर्ष पदों पर रहने वाले हामिद अंसारी के काले कारनामों का खुलासा हुआ है। हामिद अंसारी वही व्यक्ति हैं जिनके ऊपर कट्टरपंथी इस्लाम को बढ़ावा देने वाले संगठनों का समर्थन करने से लेकर बतौर आईएफ़एस अफसर अपने मिडिल ईस्ट के कार्यकाल में रॉ अफसरों की जान खतरे में डालने तक के आरोप  हैं।

हामिद अंसारी भारत के खिलाफ विष उगलने का काम कभी भारत के दुश्मन देशों के साथ तो कभी वामपंथी मीडिया के साथ करते रहे हैं. लेकिन सवाल ये कि 10 सालों तक भारत के उप राष्ट्रपति रहने के बाद भी देश के लिए इतना ज़हर क्यों ? शायद कुछ लोगों को कितना भी सम्मान क्यों न दे दिया जाए देश के खिलाफ जहर उगलने से वो बाज नही आते हैं !

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