बहुत हो गई बौद्धिक गुंडागर्दी , अगर अब भी ये किसी को नहीं समझ में आ रहा कि मौजूदा सरकार सिर्फ कर इतना रही है कि वो जनता की सुन कर फैसले कर रही है , जो वो माँग रहे हैं , उन्हें प्रशासनिक कसौटी पर कस के उन्हीं शर्तों को विधिक रूप दे कर जनता को सौप दे रही है . अब कुछ हैं जिन्हें कानून बिल्कुल नहीं चाहिए और चाहिए तो बस वो अपने वाला पर्सनल वाला .
मगर इस सरकार को जो ये दूसरी बार प्रचंड बहुमत से बिठाया गया है न वो इसलिए बिठाया गया है कि लोगों में समझाईश कायदे से बनाई जाए . पिछले दिनों अंतर्जाल और आभासीय दुनिया मे नियंत्रण न होने की वजह से उसका फायदा , भारत की पूरी छवि , चाय से योग तक को , सनातन , हिंदुत्व , राष्ट्रवाद सब कुछ नष्ट करने दूषित करने अस्थिर का प्रयास या कहा जाए की षड्यंत्र रचा जाता रहा .
हर बार अभिव्यक्ति की स्वतंन्त्रता के नाम पर देश की स्थापित संप्रभु सरकार के विरुद्ध विदेशपूर्ण , उपहासजनक और बहुत बार निंदनीय स्तर तक अपमानजनक अभिव्यक्ति , आलोचना काम मिथ्याचार पर आधारित एक सोची समझी साजिश , व्यवस्था के खिलाफ किया गया अपराध लगता है .
पिछले दिनों ऐसी बहुत सी साजिशों और अपराधों के प्रति लोगों के मन में उपजा क्रोध और संदेश सरकार तक पहुचने की देर थी , काम शुरू हो चुका है . यकीन मानिए अब ट्विट्टर और फेसबुक इंस्टाग्राम पर देश को तोड़ने वालों के मंसूबों को पूरा नहीं होने दिया जाएगा .
इस देश में भारत मां , हिन्दू , हिंदुत्व , गंगा , तिरंगा , सेना ,मंदिर , साधु किसी का भी अपमान करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए , दी जाएगी भी नहीं .
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