अब गुजरात गृह मंत्रालय युवा नेता हर्ष संघवी के हाथ में…

गुजरात में पिछले दिनों एक बड़ी राजनीतिक उठापटक में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय रुपाणी को बदलकर आर एस एस विचारधारा से मजबूत समर्पित कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत भूपेंद्र भाई पटेल को वर्तमान में गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया इस तरह का बड़ा बदलाव यह संकेत कर रहा था कि अब देश के गृह मंत्री अमित शाह जी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के गृह राज्य गुजरात में राजनीतिक उठापटक बहुत बड़े पैमाने पर होगी और उसके आधार पर एक नई टीम का आगमन होगा जो प्रदेश के साथ-साथ केंद्र में भी गुजरात के नए आयाम स्थापित करने में सहयोगी होगी और कल की मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की घोषणा के साथ ही तमाम पुराने मंत्री बदल दिए गए और पूरी की पूरी टीम नए मंत्रियों के साथ गुजरात राज्य के लिए तैयार की गई हिंदुस्तान के राजनीतिक परिदृश्य में यह एक बहुत बड़ी बदली थी और एक बहुत बड़ा संदेश पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर पार्टी के वर्तमान में पदों पर बैठे मंत्रियों तक पहुंचाना था कि केंद्र सरकार केवल और केवल विकास की राह को प्राथमिकता देती है उसके लिए भले ही पूरी की पूरी टीम ही क्यों ना बदली जाए और यही बदलाव गुजरात में किया गया और तमाम नए मंत्रियों के साथ नए चेहरे वाले मुख्यमंत्री के साथ पूरा मंत्रिमंडल राज्य के साथ देश के विकास में लग चुका है

इस पूरे मंत्रिमंडल में हालांकि काफी रोचक बदलाव हुए लेकिन एक बदलाव जो देखने को मिला वह था गृह राज्य मंत्री का और इस पद पर सूरत के मजूरा क्षेत्र के विधायक हर्ष संघवी को यह कमान सौंपी गई हर्ष संघवी अपने आप में एक ब्रांड है एक ऐसा व्यक्तित्व है जो हमेशा से सक्रिय रहते हुए विधायक के रुप में होते हुए भी एक मंत्री से ज्यादा कार्य करने में मुखर है और इस बात का उदाहरण आपको जब आप हर संगी के बारे में उनकी कार्यशैली के बारे में पड़ेंगे तब पता चलेगा कि पूरे गुजरात ही नहीं अन्य राज्यों में भी जाकर किस प्रकार हर संघवी ने मानवता मैं राष्ट्र विकास के लिए कार्य किया है अनेकों व दर्जनों ऐसे कार्य हैं जिनको यहां परिभाषित करना मुश्किल होगा परंतु बच्चे बूढ़े और नौजवानों के साथ-साथ मातृशक्ति के लिए महिला शक्ति के लिए हमेशा से कार्यरत हर्ष संघवी द्वारा इस पद पर काबिज होना अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है मुझे आज भी याद है 2016 में हर संगीत द्वारा दिव्यांग बच्चों के लिए एक जन्मदिन का कार्यक्रम देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिन के दिन मनाया गया और पहली बार ऐसा वाकिया देखने को मिला कि हजारों की संख्या में दिव्यांग बच्चे 17 सितंबर 2016 के दिन 51 फीट लंबे के को काटकर ना केवल प्रधानमंत्री जी का जन्मदिन मनाया बल्कि सभी बच्चों ने अपना जन्मदिन मनाया उस कार्यक्रम में विशेष बात यह थी कि हर संघ द्वारा 75 साल से ज्यादा उम्र के वरिष्ठ लोगों तथा तमाम दिव्यांग बच्चों को आयोजन में बुलाकर अपने हाथ से उनकी आरती की गई अपने हाथ से उनका सम्मान किया बुजुर्गों को शॉल दुपट्टा नारियल दिया गया बच्चों को भी उनकी जरूरत की चीजों के साथ-साथ कुर्सी पर बिठा कर पूरे मान सम्मान के साथ उनका आदर सत्कार किया गया ऐसे दर्जनों कार्य और भिन्न भिन्न प्रकार के कार्य आपको और संघ द्वारा देखने के मिल जाएंगे हमेशा से ही दिल को छूने वाले कार्य करने में महारत हासिल हर्ष संघवी के लिए कहीं ना कहीं ऐसा लग रहा है कि अब जो उन्हें सफलता हासिल हुई है यह दिव्यांग बच्चों और वरिष्ठ लोगों के आशीर्वाद और अभिनंदन का ही फल है मैं व्यक्तिगत रूप से इस बात का साक्षी हूं कि 2017 के चुनाव के बाद गुजरात में मंत्रिमंडल का विस्तार हो रहा था तो मैंने भाई हर संगी को कहा कि आपके लिए शुभकामनाएं हैं कि आप मंत्री बनकर सूरत लो दोगे तो उनकी वह बात मुझे आज भी याद है जब हर संगी ने मुझे जवाब में कहा कि तुम्हारा भाई क्या अब मंत्री से कम है तुम्हारे कौन से ऐसे का अटके जो एक मंत्री कर देता और मैं नहीं कर पाया यह अपने आप में बहुत बड़ी बात थी और इस बात को साबित भी किया जब भी सूरत के अंदर एक हिट एंड रन का एक्सीडेंट का मामला हुआ तब उस परिवार को साथ लेकर उस समय के मुख्यमंत्री विजय भाई रुपाणी से मिले तथा पीड़ित परिवार के लिए सहायता के लिए विशेष अपील की और पहली बार ऐसा हुआ कि किसी एक्सीडेंट के मामले में मुख्यमंत्री राहत कोष से उस परिवार को ₹400000 का सहयोग मिला यह अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि थी आज का जो सफलता का मुकाम है वह मुझे लगता है कि हर्ष भाई संघवी द्वारा किए गए पुण्य के कार्यों के बदले में उनको मिले आशीर्वाद का फल है और यह हम सब के लिए और खास तौर पर मैं उनके क्षेत्र से हूं इसलिए हमारे लिए यह सौभाग्य का विषय है कि एक युवा नेता गृह राज्य मंत्री बनकर सामने आया है और निश्चित रूप से कानून व्यवस्था तथा इसके साथ-साथ प्रदेश और राष्ट्र के विकास के लिए सहायक साबित होंगे ।।

ऐसे नेताओं की पूरे हिंदुस्तान में जरूरत है ताकि उन्हें स्वार्थ भाव से देश सेवा कर सके लोगों के लिए काम आ सके।

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