खुद की सुलगाई हुई कट्टरपंथी आग से पाकिस्तान खुद जलता हुआ नजर आ रहा है। पाकिस्तान की सड़कों पर बीते तीन दिनों से कट्टर इस्लामी पार्टी के समर्थक आतंक मचा रहे हैं। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प की वजह से पाकिस्तान जंग का अखाड़ा बन चुका है और इस खूनी जंग में अब तक 12-15 लोगों की मौतें हो चुकी हैं और सैकड़ों घायल हैं।
पाकिस्तान में जो गदर मचा हुआ है, उसके केंद्र में फ्रांस की पत्रिका में पिछले साल पैगंबर मोहम्मद के छपे वह विवादित कार्टून हैं, जिसे लेकर इमरान सरकार को फ्रांस के राजदूत को वापस भेजे जाने को लेकर कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान ने डेडलाइन दी थी। मगर प्रदर्शन से पहले ही पार्टी के प्रमुख साद हुसैन रिज्वी की गिरफ्तारी ने पाकिस्तान में गृहयुद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए।
टीएलपी को इस्लामिक कट्टरपंथी पार्टी माना जाता है। टीएलपी ने फ्रांस के राजदूत को देश से निकालने और फ्रांस के साथ सारे रिश्ते खत्म करने के लिए 20 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया है। टीएलपी ने ये भी कहा था कि अगर ऐसा नहीं होता है, तो जमकर विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे, लेकिन उससे पहले ही मंगलवार को पुलिस ने टीएलपी के मुखिया अलामा साद हुसैन रिजवी को गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद पाकिस्तान में हिंसा भडक़ गई है।
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