पुण्यतिथि पर शत शत नमन

पत्नी की मोहब्बत को छोड़कर मां भारती के चरणों में अपने बलिदान को समर्पित करने को ही प्रेम और मोहब्बत समझा , जिनके हौसलों के सामने मौत के देवता यमराज भी आग्रह करके अपने साथ चलने के प्रतिउत्तर के प्रतीक्षारत में थे ऐसे वीरता के प्रतीक , भारतीय वायुसेना के प्रथम और एकमात्र वीरता के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र के विजेता निर्मल जीत सिंह सेखो ।

सेखो का जन्म पंजाब के लुधियाना क्षेत्र में 17 जुलाई 1943 को हुआ था इनके पिता तरलोक सिंह सेखो जो फ्लाइंट लेफ्टिनेंट थे जिससे निर्मल के अंतर्मन में राष्ट्रसेवा व राष्ट्रभक्ति का बीजारोपण बाल्य काल में ही हो गया था । पापा के छुट्टियों पर आने के बाद उनकी टोपियों को पहनकर पापा को सलामी देना परिवार जनो को बहुत सुकून देता था ।

सेना में भर्ती होने के बाद अपने अभूतपूर्व व कठिन परिश्रम से उन्हे 1967 में पायलट अधिकारी के रूप में भारतीय वायुसेना में नियुक्त किया गया ।

1971 के गृह युद्ध से जूझ रहा पाकिस्तान ने मां भारती पर हमला बोल दिया इसको देख मा भारती के लाल कैसे चुप हो जाते अतिशीघ्र प्रतिउत्तर के लिए 14 दिसंबर 1971 को सुबह 8 बजकर 2 मिनट पर निर्मल के पास फोन लगाया गया ठीक 8 बजकर 5 मिनट पर निर्मल अपने विमान मे उपस्थित पाए गए उधर पाकिस्तान के तरफ से जम्मू कश्मीर के एयरबेस के ‘ नम्बर 18 स्क्वाड्रन ‘ पर पाकिस्तानी वायु सेना ने ‘ F-86 ‘ की 6 जेट द्वारा हमला शुरू था फिर निर्मल ने अपनी बलिदानी और कुटुंब का परिचय देते हुए सबसे पहले मा भारती की रक्षा करते हुए 2 ‘ F-86 ‘ को जमींदोज करने के बाद अपने साथियों को बचाकर स्वयं को बलिदान करके मां भारती के चरणों में अपने आप को पुष्प स्वरूप अर्पित कर दिया ।

ऐसे वीरता के प्रथम स्वरूप पर परम श्रद्धेय निवर्तमान प्रधानमंत्री अटल जी ने सन् 2000 में डाक टिकट जारी करके असली श्रद्धांजलि अर्पित की ।

ऐसे वीर जाबांज को आज पुण्यतिथि पर संपूर्ण हिंदुराष्ट्र भारत शत शत नमन करता है ????

भारत माता की जय ⛳⛳⛳⛳

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