देश की आज़ादी के बाद से ही पूर्वोत्तर के राज्यों को अछूता रखा गया था। कांग्रेस की दलगत राजनीति की वजह से पूर्वोत्तर भारत को दरकिनार किया जाता रहा लेकिन आज पूर्वोत्तर की रंगत निखरने लगी है. जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है, तब से पूर्वोत्तर भारत विकास के नए आयाम लिखता जा रहा है. यह देखना वाकई सुखद है कि पूर्वोत्तर अपनी पीड़ाओं के दिनों को पीछे छोड़ आगे बढ़ रहा है.
इसी कड़ी में नागालैंड से एक ऐसी खबर सामने आयी है जो वाकई ऐतिहासिक है. दरअसल बीजेपी को नागालैंड से पहली महिला सांसद मिल गई हैं। बीजेपी नेता फांगनोन कोन्याक को राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुन लिया गया। फांगनोन नागालैंड से बीजेपी की पहली महिला सांसद और पहली राज्यसभा सांसद बन गई हैं। एस फांगनोन कोन्याक 2017 में बीजेपी में शामिल हुईं और वर्तमान में बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष हैं. राज्यसभा के लिए कोन्याक का निर्वाचन उन्हें नागालैंड से 45 सालों में संसद सदस्य बनने वाली दूसरी महिला बनाता है. इससे पहले रानो एम शाजा 1977 में राज्य से लोकसभा सांसद चुनी जाने वाली पहली नागा महिला बनी थीं. साल 1963 में नागालैंड को राज्य का दर्जा मिलने के बाद से अब तक वह एकमात्र महिला सांसद थीं. लेकिन बहरहाल 58 साल पहले राज्य बनने के बाद भी नागालैंड में अभी पहली महिला विधायक का चुना जाना बाकी है. इससे साफ है कि नागालैंड की राजनीति में किसी महिला का आगे बढ़ना कोई आसान काम नहीं है
एस फांगनोन कोन्याक ने 2002 में दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में मास्टर डिग्री हासिल की है. कॉलेज के समय से ही वे छात्र राजनीति में बेहद सक्रिय थीं. फांगनोन कोन्याक की छवि ऐसी युवा नेता के तौर पर है जो महिलाओं के लिए आवाज उठाती हैं और उन्हें सशक्त करने की दिशा में काम करती हैं। फांगनोन कोन्याक के बारे में ये भी कहा जाता है कि वे महिलाओं की आवाज को मुखर तौर पर उठाती हैं और समाज में महिलाओं की समानता की पैरोकार रही हैं। इसमें कोई शक नहीं कि राज्यसभा के लिए कोन्याक के निर्वाचन से नागालैंड की महिलाओं को राजनीति में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी.
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