भाजपा के पूर्ण बहुमत के शासन में रामजन्मभूमिमन्दिर का निर्माण कार्य कितने जोर-शोर से चल रहा है यह तो सबको पता ही होगा | और कांग्रेस का योगदान भी अविस्मरणीय है । हमारे निष्पक्ष न्यायालय, निष्पक्ष पुरातत्ववेत्ता, निष्पक्ष सरकारें और निष्पक्ष
राष्ट्रवादी मीडिया इस विषय पर क्या करती थी यह सबको पता नहीं होगा |
राष्ट्रवादी जी-न्यूज़ टीवी ने “विवादित स्थल” पर खुदाई में कई ऐसी वस्तुएं दिखाईं हैं जो “मन्दिर जैसा ढाँचा” मस्जिद से पहले होने का संकेत देता है ! मुल्ले का बयान भी दिखाया है कि मस्जिद के पिछवाड़े में कूड़ा फेंकने का स्थान था जहाँ पुरानी मूर्तियाँ हिन्दू फेंकते थे, उस आधार पर यह कहना गलत था कि रामजन्मभूमिमन्दिर को तोड़कर मस्जिद बनी थी | न तो पुरातात्त्विक रिपोर्ट में यह बात कही गयी है और न ही मीडिया कहने को तैयार थी कि रामजन्मभूमिमन्दिर को तोड़कर मस्जिद बनायी गयी थी | ये सारे लोग हराम की खाते हैं, अतः #हरामखोर हैं, क्योंकि यह कैसे मान लें कि इनलोगों ने विध्वंस से पहले बाबरी मस्जिद कभी देखी ही नहीं थी ? मैं इस तथ्य का अकाट्य प्रमाण प्रस्तुत कर रही हूँ कि उस स्थान पर कभी कोई मस्जिद थी ही नहीं, जिसे बाबरी मस्जिद कहा जाता था उसमें कभी नमाज नहीं पढी गयी, क्योंकि उस भवन के #गुम्बद वाले मुख्य कक्ष में #प्राचीन #हिन्दू #मन्दिर की #मूर्तियों से जड़े #खम्बे लगे थे, और कोई मुसलमान ऐसे भवन में #नमाज पढ़ ही नहीं सकता, और यदि पढ़ता है तो मुसलमान नहीं हो सकता | ये प्रमाण यह भी सिद्ध करते हैं किज् प्राचीन मन्दिर को तोड़कर उसके “#material” से #मस्जिद बनायी गयी थी, जो दबे स्वरों में जी-न्यूज़ टीवी @ZeeNewsHindi ने भी कहा है किन्तु कोई प्रमाण नहीं दिखाया | प्रमाण के तौर पर 24-1-1991 को खींचे गए चार फोटोग्राफ संलग्न कर रही हूँ जिसमें गवाह के तौर पर तत्कालीन #लोकसभा-सदस्य स्वर्गीय #भोगेन्द्र झा ने दिखाए थे तो उनकी अपनी पार्टी #CPI (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) नाराज हो गयी | उन्होंने दूसरा “अपराध किया #पशुपालन घोटाले की #CBI द्वारा जांच की माँग को उठाकर | फलस्वरूप उनको अगली बार संसदीय चुनाव का टिकेट नहीं दिया गया, यद्यपि वे पाँच बार लोकसभा के लिए चुने गए थे और
1991 में पूर्व #मुख्यमन्त्री डॉ जगन्नाथ मिश्र को हराकर लोकसभा में पँहुचे थे | #वाजपेयी जी ,#आडवाणी जी, आदि ने ये फोटोग्राफ देखकर #संसद में तालियाँ बजायीं थीं |
प्राचीन रामजन्मभूमिमन्दिर की खुदाई में 48 खम्बो के सबूत #ASI ने न्यायालय को दिए और लिखा कि शेष #चार #खम्बे लापता हैं। यह बात जी-न्यूज़ @ZeeNewsHindi को पता नहीं थी कि वे #चार #खम्बे खुदाई में नहीं मिले क्योंकि वे ऊपर तथाकथित #मस्जिद के मुख्य कक्ष के द्वार में जड़े हुए थे ! वे चारों खम्बे #बाबरी मस्जिद के विध्वंस के साथ नष्ट हो गए, अब केवल उनके #फोटोग्राफ बचे हैं | आपलोग इन तस्वीरों को देखें और ख़ुद तय करें कि 500 साल तक हिन्दुओं के साथ कितना बड़ा अन्याय और छल किया काग्रेस और सुन्नी वक़्फ बोर्ड ने क्या
ऐसी मस्जिद में नमाज पढ़ा जा सकता था? नहीं, यह #अल्लाह और #पैगम्बर की कसम देकर #मुल्लों से पूछें | इनको पाँच एकड़ भूमि फिर क्यों मिले ?? चारों #फोटोग्राफ संलग्न कर रही हूँ ।
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