भारत की सेना ने अचानक हुए ऑपरेशन में चीन के कई कैम्प्स पर कब्जा कर लिया हैं। चीन हैरान हैं इतने बड़े ऑपरेशन की कोई जानकारी लीक कैसे नहीं हुई। चीन का गुस्सा अपने भारत में बैठे चीनी प्यादों पर निकल रहा हैं।
एक भी जानकारी लीक नहीं हो रही है , चीन का गुप्तचर तंत्र सकपकाया हुआ हैं। राजनीति और मीडिया में बरसों से पाले गए वफादार कुत्ते केवल ट्विटर पर भारत की सेना के खिलाफ भौंकने वाली सेना बनकर रह गए हैं।
भारतीय सेना के आक्रामक रुख और भारत के बदलते रवैये के बीच भारत में चीन का गुप्तचर तंत्र एकदम ठप्प हैं। चीन के पैसों और आश्रयों पर पलने वाले कई राजनेता, पत्रकार और वामपंथी इंटेलेक्चुअल चीन के जरा भी काम नहीं आ रहे।
पिछले कई दिनों से राहुल गांधी भारत में चीन के प्रवक्ता बन चुके थे। हर रोज सुबह राहुल गांधी एक ही ट्वीट करते थे – चीन ने भारत की सेना को हरा दिया, चीन ने भारत के सैनिकों को मार दिया। भारतीय सेना जमीन नहीं बचा पाई।
चीन पर की 48 ट्वीट में से 37 बार राहुल गांधी ने लिखा कि चीन ने भारतीय सैनिकों को मार दिया, एक बार भी ये नहीं लिखा कि भारतीय सेना ने चीन के किसी सैनिक को मारा हैं।
चीन को हमेशा से लगा कि अगर भारत के सबसे बड़े राजनैतिक खानदान को अपनी मुट्ठी में रखेंगे तो देश मे सरकार किसी की भी हो, गुप्त सूचनाएं चीन तक पहुँचती रहेंगीं। लेकिन इस बार जब भारत ने 1962 में हारी रेकीन माउंटेन पास और हुनान कोस्ट पर कब्जा किया तो चीन गुप्तचर तंत्र को हवा भी नहीं लगी। चीन हैरान हैं। चीन के इशारे पर काम करने वाले भी हैरान हैं।
रोज चीन पर कुर्ता फाड़ नाचने वाले राहुल गांधी, भारतीय सेना के पराक्रम पर सन्नाटे में हैं।
राहुल गांधी ने जिस बेशर्मी से चीन का साथ दिया हैं उससे कांग्रेस में भी कई लोग बहुत हैरान हैं। चीन के सामने गांधी परिवार की हालत उसी तरह की हैं जैसे नेपाल के प्रधानमंत्री ओली की हैं। ऐसा लगता हैं चीन के पास गांधी परिवार खासतौर पर राहुल गांधी की कोई खास नब्ज कब्जे में हैं।
माना जा रहा हैं कि कल की असफलता के बाद चीन की सरकार गांधी परिवार से नाराज हैं। चीन को लग रहा हैं कि भारत में बरसों में बनाया उनका पूरा तंत्र अब बेकार साबित हो रहा हैं। चीन को सबसे बड़ा भरोसा अपने इन्ही प्यादों पर था।
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