भारत के स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज पुण्यतिथि है। राजीव गांधी भारतीय इतिहास में कांग्रेस के प्रधानमंत्री के तौर पर बेशक याद किए जाते हैं मगर उन्होंने अपने समय में राम मंदिर निर्माण आंदोलन यात्रा के लिए अहम कदम उठाए थे। राजीव गांधी ने 1989 में विहिप को शिलापूजन की इजाजत देकर राम मंदिर आंदोलन को और मजबूती दी थी। शिलान्यास पूजन के बाद आडवाणी रथ लेकर निकल पड़े और आधे देश में बीजेपी की हवा बना दी.
राम मंदिर मुद्दे पर सरदार बूटा सिंह ही केंद्र और राज्य सरकार के बीच की कड़ी थे। शिलापूजन से ठीक एक हफ्ता पहले बूटा सिंह और नारायण दत्त तिवारी, राजीव गांधी को लेकर गोरखपुर पहुंचे जहां उनकी देवरहा बाबा से मुलाकात होनी थी…ये मीटिंग देवरहा बाबा के एक आईपीएस अफसर भक्त ने ही फिक्स कराई थी।
बाबा आशीर्वाद स्वरूप अपने पैर को दर्शन लेने आए व्यक्ति के सिर पर लगाते थे. राजीव गांधी ने भी उस परंपरा का पालन किया. इलाके में काफी रसूख रखने वाले देवरहा बाबा से राजीव गांधी ने शिलापूजन मामले में मार्गदर्शन चाहा. तो बाबा ने एक ही वाक्य कहा- ‘बच्चा, हो जाने दो’। कहा जाता है कि देवराहा बाबा के इस कथन के बाद ही राजीव गांधी ने राम मंदिर शिलान्यास का पूजन हो जाने दिया और उसके बाद राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद और लालकृष्ण आडवाणी ने आंदोलन किया और उसी संघर्ष का परिणाम है कि आखिरकार आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है।
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