झारखंड के संथाल परगना में साहिबगंज के पास “राजमहल” गंगा नदी के किनारे स्थित जगह है जहां 1965 में बांग्लादेश में गृह युद्ध शुरू होने के बाद जिहादियों द्वारा प्रताड़ित होने के कारण बांग्लादेशी हिंदू शरणार्थी आए थे और धीरे-धीरे यही बस गए बाद में 1971 में इंदिरा गांधी ने उन्हें नागरिकता भी प्रदान की और फिर धीरे-धीरे 1987 में तत्कालीन बिहार के मुख्यमंत्री श्री कर्पूरी ठाकुर जी ने 2700 बीघा जमीन दान की थी।
अब इनके अस्तित्व को पड़ोस के मुसलमान गांव द्वारा चुनौती दिया जा रहा है और इन्हें हटाने के लिए लगातार साजिश किया जा रहा है ताकि इस जगह पर बांग्लादेशी घुसपैठियों रोहिंग्या मुसलमानों को बसाया जा सके वैसे भी झारखंड का साहिबगंज जिला का और संथाल परगना इलाका बांग्लादेशी रोहिंग्या मुसलमानों घुसपैठियों के लिए फेमस है जिनकी संख्या लगातार दिनों दिन बढ़ती जा रही है और हिंदुओं की जनसंख्या लगातार घटती जा रही है।
अब इस मामले को झारखंड के विधानसभा में साहिबगंज के विधायक श्री अनंत कुमार ओझा जी ने उठाया तब से कुछ समाचार पत्रों में हलचल दिखाई दिया है परंतु अभी तक इस मामले को ना दिल्ली की नेशनल मीडिया ने जगह दिया ना हीं झारखंड सरकार ने इस पर कार्रवाई की, किसी तरह का निर्णायक एक्शन लिया गया है।
1987 में जमीन का दान मिलने के बाद से लगातार बांग्लादेशी हिंदू वहां पर अच्छे से अपनी जिंदगी बसर कर रहे थे और झारखंड के संस्कृति में पूरी तरह घुल मिल गए थे लेकिन 2012-13 से पड़ोसके मुस्लिम टोला के मोहम्मद यूसुफ ने उस जमीन पर अपना दावा जताना चालू किया और धीरे-धीरे इन्हे परेशान करने लगा ,कभी इनकी फसलों में आग लगा देता कभी इनके खेतों को जानवरों से चरा देता ,कभी इनके साथ गाली गलौज करता ,लड़ाई ,धक्का-मुक्की की जाती थी, फिर उसने धीरे-धीरे नकली कागज बनाकर के वहां उपायुक्त के पास आवेदन कर दिया कि यह जमीन हमारी और वहां पर फैसला आने के बाद जमीन का सर्वे कराने का आग्रह किया क्योंकि दान मिलने से अबतक सर्वे नहीं हो पाई थी परंतु मामले से संतुष्ट ना होकर एक पक्ष झारखंडहाईकोर्ट चला गया जहां मामला चल रहा था परंतु झारखंड हाई कोर्ट ने इस मामले में मुसलमान आधार मानते हुए इसमें जमीन मापी कराने की पुनः अनुशंसा की है, जिसके लिए वहां के स्थानीय एसडीओ ने जमीन मापी कराने जब गांव पहुंचे तो लगातार ग्रामीणों ने हल्ला हंगामा किया और जमीन की मापी कराने से रोक दिया।
ग्रामीणों का साफ कहना है कि यह जमीन उनकी है और उनके बाप दादा को यह बिहार सरकार से दान में मिली है यह जमीन किसी को नहीं देंगे चाहे वो कितना भी साजिश कर ले। उनका सीधा आरोप मखदूम हाजी के ऊपर है जो यहां बांग्लादेशी हिंदुओं को हटा करके बांग्लादेशी रोहिंग्या मुसलमानों को बसाना चाहता है, जिसे हिंदुओं से सख्त नफरत है और वह नहीं चाहता कि उनके अगल बगल के गांव में कोई भी हिंदू समुदाय के लोग रहे ।
वहां के हिंदू ग्राम निवासी राज कुमार मंडल ने बताया है कि यहां पर लगभग 700 बांग्लादेशी हिंदू परिवार रहते हैं जिनकी जनसंख्या लगभग 5000 है और इनकी बढ़ती जनसंख्या देखकर के बगल के जिहादी लोग चिंतित हो गए हैं, दूसरा कुछ इस मामले में बिचौलिए हावी हो गए थे जिन्होंने हिंदू पक्ष के लोगों को धोखे में रखा और उन्हें समझौता करा देने के नाम पर उनकी दलील को ना तो उपयुक्त के सामने ठीक से रखा गया ना ही झारखंड हाईकोर्ट में ठीक से रखा गया ,जिसके कारण यहां पर मुसलमान पक्ष उन पर हावी हो गया और जिसकी जानकारी उन्हें ठीक समय पर नहीं हुई परंतु मामला विधानसभा में उठ जाने के बाद अनंत ओझा के द्वारा इसे जोर-शोर से दिखाए जाने के बाद तूल पकड़ता जा रहा है साथ ही साथ इस क्षेत्र की जनसंख्या जिस तेज गति से बदल रही है वह भी झारखंड के लिए बहुत ही चिंतनीय है है।
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