दुनिया भर में अपनी धर्मांतरण की दुकान चलाने वाले चर्च और मिशनरियां , आज किस कदर , तमाम बुराइयों और अपराध की जड़ बन गए हैं इसके उदाहरण अब रोजाना देखने पढने सुनने को मिल रहा है।

कहीं विदेशों से अकूत काला धन , बेशुमार पैसा मंगवाकर उसे सफ़ेद करने के लिए उसका उपयोग , धर्मांतरण और ईसाई मिशनरियों के एजेंडे को पूरा करने में लगाया जा रहा है , कभी वीजा नियमों का उल्लंघन करके , पर्यटन के नाम पर देशों में घुस आपराधिक कृत्यों में लिप्त पाया जा रहा है और अब तो उससे भी अधिक मुगलियामेनिया से ग्रस्त ये चर्च , और इनके लोग यौन शोषण ,बलात्कार आदि तक जैसे घृणित अपराधों में लिप्त पाए जा रहे हैं।

हाल ही में फ्रांस में ,चर्चों और इन मिश्नरियों के द्वारा किये जा रहे यौन उत्पीडन से मासूम लोगों को बचाने के लिए एक सहायता हेल्प लाईन को प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया। सरकार का अनुमान था इससे लोग आसानी से अपनी बात कह सकेंगे और ऐसे अपराध करने वालों के विरूद्ध एक शुरुआत होगी।

लेकिन सरकार और सम्बंधित जाँच एजेंसियां उस समय हैरान रह गईं जब उन्होंने पाया कि सिर्फ 16 -17 महीने की अवधि में ही साढ़े छ हज़ार शिकायतें ऐसी मिलीं जिनमें चर्च में यौन उत्पीडन की बात कही गई थी।

छी ! क्या यही है वो शान्ति का प्रेम का भाईचारे का सन्देश जिसे ईसा पूरी दुनिया भर में फैलाना चाहते हैं ? क्या इन्हीं के लिए पूरे विश्व के लोगों को तरह तरह के प्रपचों द्वारा धर्मान्तरित करके ईसाई धर्म अपनाने को कहा जा रहा है ? क्या इसी उद्देश्य के लिए बाइबल जैसे पवित्र ग्रन्थ का सहारा लिया जा रहा है ?

ज्ञात हो कि कुछ पोप खुलेआम ‘भोजन और यौन तुष्टि ” जीवन के यही दो अंतिम चरम सुख की वकालत करते हुए निकृष्ट बयान देते रहे हैं | चर्च में न सिर्फ वयस्कों के साथ दुर्व्यवहार बल्कि अबोध बच्चों के साथ भी होने वाली ज्यादतियों की घटनाएं देखने सुनने को मिलती रही हैं।

समय आ गया है कि सनातन और हिन्दू धर्म सहित अन्य सभी धर्मों को नीचा , पिछड़ा बताने वाले ये आधुनिक यौन पिपासु प्रवृत्ति वाले खुद अपने अन्दर घुसी और पैठ बना चुकी इन कमियों , इन दोषों और इन पाप कर्म पर आत्ममंथन करें अन्यथा देर सवेर सब विनाश के कगार पर पहुँच जाएंगे।

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