05 अगस्त 2018 ये ही वो दिन था जब प्रारंभिक परीक्षा सम्पन्न हुई थी, फिर इसके करीब एक वर्ष बाद बड़ी मुश्किल से 25 – 26 जून 2019 को मुख्य परीक्षा सम्पन्न हुई।
मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी हुआ 09 जुलाई 2020 को (लगभग 13 महीनों बाद) और कल दिनांक 17 दिसंबर 2020 को राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य परीक्षा के पूरे परिणाम को रद्द करने का आदेश दिया है क्योंकि माननीय हाईकोर्ट के अनुसार पूरी परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितता बरती गई है।

आपको लग रहा होगा कि ये शायद राजस्थान की कोई निम्न श्रेणी की परीक्षा होगी लेकिन जी नही, ये स्थिति है राजस्थान की सबसे बड़ी और प्रतिष्ठित परीक्षा राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) की।
प्रारम्भिक परीक्षा के लगभग 2.5 वर्ष बाद भी प्रतिभागी उसी स्थिति में है जहां वो 05 अगस्त 2018 को थे और इस महान कार्य का श्रेय जाता है RPSC संस्था और तत्कालीन राज्य सरकार को।

आखिर क्यों इतनी बड़ी परीक्षा भी नियमित रूप से सम्पन्न नही हो पाती,
क्यों इतनी बड़ी परीक्षा में भी गड़बड़ी की आशंका बनी रहती है जबकि इस परीक्षा के माध्यम से आप राजस्थान के शीर्ष प्रशासनिक नेतृत्व को तैयार करते है।
इतनी प्रतिष्ठित परीक्षा भी यदि शक के घेरे में है तो फिर अन्य श्रेणी की परीक्षाओं में क्या उम्मीद की जा सकती है।

एक ओर जहां UPSC द्वारा मात्र 10 माह में आईएएस परीक्षा बिना किसी विघ्न के संपन्न करा ली जाती है वही दूसरी ओर RAS परीक्षा में 2.5 वर्ष बाद भी प्रतिभागी मुख्य परीक्षा के पारदर्शी परिणाम को लेकर हाईकोर्ट के चक्कर लगा रहे है तो आप समझ जाइए कि आखिर इतनी बड़ी चूक का मुख्य स्रोत कौन है.??

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