न खाऊँगा ,न खाने दूँगा -ये बात जब देश के प्रधानमन्त्री पद को संभालते ही जिस सख्त तेवर और दृढ़ता के साथ श्री नरेंद्र भाई मोदी ने कही थी उसी समय शायद ,देश को सालों तक लूट लूट कर खाने वाले भ्रष्ट राजनेताओं , नौकरशाहों के मन में एक अनजाना भय बैठ गया था और वे समझ गए थे कि अब सारा सच सामने आने पर उनकी स्थिति बद से बदतर होने वाली है।

दीमक की तरह देश को चाट जाने वाले भ्रष्टाचार के विरूद्ध समर शंख फूंकने वाली मोदी सरकार ने लगातार एक के बाद एक कानूनों को लाकर इनपर नकेल डालने का काम जैसे ही शुरू हुआ उसके बाद तो जैसे इन घोटालेबाजों की दुनिया में जलजला आ गया।

एक दिन , एक सप्ताह ऐसा नहीं बीत रहा जब जांच एजेंसियाँ , छापा मार कर , फाइलों को खंगाल कर एक दो , पचास सौ हज़ार नहीं बल्कि हज़ारों करोड़ रूपए की हेराफेरी ,गबन ,लूट के पैसे को न सिर्फ पकड़ रही है बल्कि उसे ज़ब्त करके देश के करोड़ों देशवासियों के खून पसीने की कमाई को वापस देश के खजाने में ला रही है। बार बार जिस काला धन का ज़िक्र होता था और बौखलाए विपक्षी अपनी जान फँसता जान इसे कोरी जुमलेबाजी कहते थे आज वही उनपर कहर बरपा रही है।

अभी हाल ही में जम्मू कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति करके उसे देश की मुख्यधारा और प्रशासन के अधीन लाया गया था और इसके बाद शुरू हुआ वहां सब कुछ दुरुस्त करने का प्रयास। सरकार ने जम्मू कश्मीर राज्य सरकार द्वारा लाए क़ानून :रौशनी एक्ट की आड़ में जम्मू कश्मीर के लाखों एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे को भ्रष्ट राजनेताओं /अधिकारियों /व्यापारियों के चंगुल से निकालने का काम शुरू किया।

अभी इस पर कार्रवाई शुरू ही हुई है कि जांच एजेंसियों को 25 ,000 करोड़ रूपए से भी अधिक के घोटाले को पर्दाफाश करने में सफलता मिली है और अंदाज़े के बिलकुल ठीक होते हुए इसमें ,अब्दुल्ला मेहबूबा और मायनो जैसे नामों का ज़िक्र आया है। इन सबके अपने ,परिवार और रिश्तेदारों तक के नाम से अवैध रूप से जम्मू कश्मीर के लाखों एकड़ सरकारी जमीन को हड़पने के सबूत सामने आ रहे हैं।

पिछले कुछ समय में जिस तरह से अब्दुल्ला और मेहबूबा परिवार बार बार भारत सरकार ,भाजपा और मोदी के विरुद्ध अनर्गल बयानबाजी कर रहा है घाटी के लोगों को बरगलाने और उकसाने का काम कर रहा है ,उन्हें बन्दूक उठा कर आतंक और जेहाद के रास्ते पर धकेलने की बातें कह रहा है -अब ये सारा माजरा लोगों के सामने आ रहा है कि असल में ये खीज ,ये गुस्सा ,ये बौखलाहट ,ये डर -अपने घोटालों ,भ्रष्टाचार के खुलने और उसके बाद जेल जाने के कारण है।

अपनी खाल और जान बचाने के लिए ये लोग अब विदेशी शत्रुओं ,अलगाववादियों आतंकियों के साथ हाथ मिलाने को तत्पर हैं और ये बेशक कुछ भी कर लें ,मोदी सरकार ने जो ठान लिया ,जो फैसला कर लिया उससे वो कभी भी पीछे नहीं हटते और न ही हटेंगे।

कांग्रेस के दर्जन भर नेता या तो जेल जा चुके हैं /जेलों में हैं या जमानत पर बाहर हैं और अपने कुकर्मों का सच बाहर आते जाने के कारण बौखलाहट और डर में सरकार ,प्रशासन और देश के विरूद्ध षड्यंत्र रचने में लगे हुए हैं।

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