अगर पूरी दुनिया किसी मुगालते में हो कि ,जेहाद और आतंकवाद का पर्याय बन चुके पाकिस्तान के अंदर बैठे और पाले पोसे जा रहे आतंकी अपनी दहशगर्दी से सिर्फ दूसरे मुल्कों और दुनिया के लिए ही खतरा बने हुए हैं तो उन्हें ये जानकर हैरानी नहीं होनी चाहिए कि पाकिस्तान इस दहशतगर्दी के रास्ते पर इतना आगे बढ़ चुका है कि वहां कट्टरपंथ और चरमपंथ को सिखाने पढ़ने समझाने के लिए दारुल उलूम हक्कानिया जैसी संस्था है जिसे :जेहाद विश्व विद्यालय के नाम से पहचाना जाता है ,ने कुछ वर्षों पूर्व अपने ही प्रधानमन्त्री बेनज़ीर भुट्टो की एक आतंकी घटना में ह्त्या कर दी थी।

यहां लगातार इन्हें कट्टरपंथ और मज़हबी चरमपंथ का प्रशिक्षण दिया जाता है

पाकिस्तान के पेशावर से 60 किलोमीटर दूर स्थित कटक -अकोरा में स्थित इस दारुल उलूम हकानिया मदरसे में हर साल हज़ारों मुगलों को कुशिक्षण /प्रशिक्षण देकर जेहाद और आतंक के रास्ते पर डाला जाता है। पाकिस्तान सरकार सेना और वहां के कट्टरपंथी मौलानाओं का संरक्षण प्राप्त इस मदरसे में हर साल पाकिस्तान के हज़ारों बच्चे ,दुनिया भर के काफिरों से द्वेष करना और उन्हें ख़त्म करने का सबक सीखते समझते हैं।

पिछले महीने ही इस मदरसे में एक विशेष आयोजन सिर्फ इसलिए किया गया था ताकि वे सब अफगानिस्तान के आतंकी समूह तालिबान को बैक अप सपोर्ट दे सकें क्यूंकि अमेरिकी फौजों की वापसी के बाद इराकी फ़ौज अकेली और थोड़ी कमज़ोर पड़ जाएगी। इस आयोजन में उन्हें इस बात के लिए तैयार किया गया है कि वे भारत अफगानिस्तान सहित दूसरे देशों में हक्कानी नेटवर्क के आतंकी मंसूबों को बढ़ाने में अपनी सारी ताकत लगा दें।

हक्कानी नेटवर्क सहित और जाने कितने ही आतंकी नेटवर्क के साथ तार जुड़े इस मदरसे का जेहाद के प्रति जुनून किस कदर हावी है इसका अनुमान सिर्फ इस बात से ही लगाया जा सकता है कि इनके शागिर्दों ने अभी कुछ वर्षों पूर्व अपने ही देश की प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो को बम से उड़ा कर उनकी ह्त्या कर दी थी। हालांकि इस मदरसे से संचालक ऐसे सभी आरोपों से इंकार करते हैं।

अपनी इन नापाक हरकतों और मंसूबों के कारण आज पाकिस्तान दुनिया भर के देशों की नज़र में एक आतंकी देश घोषित होने के अलावा अब तो संयुक्त अरब अमीरात जैसे मुस्लिम देशों की लताड़ और दुत्कार सहने को विवश हो गया है।

लेकिन पाकिस्तान में इस और इसके अलावा तमाम दहशत गर्द इतने ज्यादा ताकतवर और हावी हैं कि न तो उन्हें पाक फ़ौज और न ही सरकार एक शब्द भी कह सकती है। पाकिस्तान ये भूल रहा है कि जिस आस्तीन में वो ऐसे जहरीले साँपों को लिए घूम रहा है वे ही एक दिन पाकिस्तान की पूरी बर्बादी का कारण बनेंगे।

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