वामपंथी प्रोपेगेंडा कितने असरदार तरीके से काम करता है इसकी बानगी देखनी हो तो Scroll की खबर को देखिए जिसमें उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई बातचीत को अपने वामपंथी नजरिए से पेश किया है।दरअसल बुधवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने PM नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत कर कोरोनावायरस इन मांगी और बदले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको आश्वासन दिया कि भारत जल्द कनाडा की मदद करेगा। इस बातचीत के सकारात्मक पक्ष का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में भी जिक्र किया।


अब आइए Scroll की खबर पर…इसने अपनी ख़बर की Heading में वो बताया जो कनाडा के प्रधानमंत्री के फोन का मकसद ही नहीं था।कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो भारत से वैक्सीन मांग रहे थे इसलिए उन्होंने नरेंद्र मोदी को फोन किया…आखिर में फोन रखते रखते जो 2 देशों के प्रतिनिधि बात करते हैं वैसे मुद्दों पर भी बातचीत हुई ..जैसे कि लोकतंत्र, स्वतंत्रता, जलवायु परिवर्तन वगैरह वगरैह..मगर वामपंथी बगल बच्चा Scroll अपने जहर को खर्च करते हुए शातिर कलम लेकर आया और खबर को नया ही अंदाज़ दे दिया।


Scroll ने शातिर तरीके से शीर्षक लगाया मानो जस्टिन ट्रुडो ने पीएम नरेंद्र मोदी से लोकतंत्र बहाली पर बातचीत करने के लिए फोन किया और आखिर में फोन रखते रखते वैक्सीन पर बात भी कर ली…। इन वामपंथी बगल बच्चे न्यूज़ विंग्स को ये समझना चाहिए कि देश की जनता पर्याप्त समझदार है उनके साथ खेलने की कोशिश न की जाए। इसी प्रोपेगैंडा अप्प्रोच की वजह से भारत के तमाम राज्यों से लाल झंडे का सफाया हो गया है मगर हंसिये हथौड़े को अपनी कलम और झोले में समेटकर चलने वाले शहरी नक्सलियों को ये बात समझ नहीं आ रही है।

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